रविवार, 24 जनवरी 2010

क्या है मुन्नार के चाय बागानों का इतिहास ?

अगर आप टाटा टी के शौकीन हों तो ये अवश्य जानना चाहेंगे कि आखिर टाटा के ये बागान हैं कहाँ, जहाँ से आपकी सुबह की प्याली में डाली जाने वाली चाय पत्ती आती है। वैसे तो टाटा के चाय बागान केरल और तमिलनाडु के कई हिस्सों में हैं पर उनमें से सबसे मशहूर मुन्नार के चाय बागान हैं।

मुन्नार में अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में चाय की खेती शुरु करने का श्रेय एक यूरोपीय ए. एच. शार्प (A.H.Sharp) को जाता है। शार्प के चाय बागानों को आज साइलेंट वैली टी एस्टेट (Silent valley Tea Estate) के नाम से जाना जाता है।


१८९५ में फिनले समूह ने ३३ चाय बागानों को अधिग्रृहित किया। दो साल बाद 'कानन देवन हिल्स प्रोड्यूस कंपनी ' का गठन हुआ जिसे १९६४ में टाटा ने ले लिया। २००५ से इन चाय बागानों की देख रेख का जिम्मा पुराने नाम से बनी नयी कंपनी 'कानन देवन हिल्स प्रोड्यूस कंपनी' पर है। आज की तारीख में इस कंपनी के पास मुन्नार के १६ चाय बागान हैं जो ८६०० वर्ग हेक्टेयर में फैले हुए हैं। तभी तो आप मुन्नार में जिधर भी नज़र घुमाएँ आपको चाय के बागान ही दिखाई पड़ते हैं।


इस बार हम जब मुन्नार गए तो दूसरे दिन हमें इसी कंपनी के गेस्ट हॉउस में रहने की जगह मिली। अब ये नाम मुन्नार के चाय बागान के इतिहास में इतना माएने रखता है, ये वहाँ से आने के बाद पता चला। पुराने तरीके से थोड़ी ऊँचाई पर बना ये गेस्ट हाउस सामने से बेहद आकर्षक दिखता है। वैसे दिसंबर के पीक सीजन में भी यहाँ कमरे का किराया 7०० रुपये था जो बाकियों की तुलना में काफी कम था। अगर मुन्नार जाएँ और बजट के अंदर ठिकाने की तालाश हो, तो ये जगह भी बुरी नहीं।

10 टिप्‍पणियां:

  1. बढिया जानकारी। मेरा भी चिट्ठा है मेरे यायावरी के किस्सो से जुडा। जरा नजर डालकर बतायें कैसा है।

    जवाब देंहटाएं
  2. दीपांशु आपके चिट्ठे पर पहले कई बार जा चुका हूँ। हरिद्वार वाली पोस्ट पर कमेंट भी किया था कि आगे भी लिखते रहें। शायद आपने गौर नहीं किया।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया पोस्ट एक बार फ़िर......आपने बताया नही कितने मेगा पिक्साल का कैमरा इस्तेमाल करते है.....

    जवाब देंहटाएं
  4. अनुराग मेरे पास सोनी का W5 कैमरा है जो 5 मेगापिक्सल और 3 X optical zoom का है।

    जवाब देंहटाएं
  5. धन्यवाद मनीष आपकी टिप्पणी से मेरा उत्साह बढा है। आगे भी लिखता रहूँगा। आपसे सम्पर्क बना रहेगा।

    जवाब देंहटाएं
  6. wah! Manish ye bahut khub kiya actually mein tumse kehane wali thi ke itna safar karte ho...vacation ke thru aur job ke thru to ek travelogue kyun nahi shur karte ...so ye to 'haath kangan ko arsi kya' wali baat hogayee :)! Kanan Devan ka ad meine mallu channel per dekha hai aksar...lekin tumhare iss post se jyada ooska relation samajh aaya :)
    Thanks for sharing it and a very good start....mujhe title bahut bahut pasand aaya..."Musafir hoon yaaron" - very cool :)
    Mubarak aur shubhkamnaon ke saath
    cheers

    जवाब देंहटाएं
  7. आपका घूमकर आना और फिर उस यात्रा को लिखने का जज्बा, वह भी हिन्दी में, बहुत ही प्रशंसनीय है। मेरी ओर से बधाई भी और शुभकामनाएँ भी।

    जवाब देंहटाएं
  8. अद्भुत मुसाफिर हो गुरू।

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत उम्दा जानकारी.
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं