शुक्रवार, 6 जून 2008

देखें और बताएँ कि क्या सोचकर जोकों ने इन्हें बख्श दिया होगा ?

अपने चिट्ठे 'एक शाम मेरे नाम' पर मैंने आपको अभी पेरियार के जंगलों (Periyar Forest) में ट्रेकिंग के अनुभवों के बारे में बताया। जंगल में घुसने की पहली हिदायत ये थी कि मोजे के ऊपर से जोंक प्रतिरोधक वस्त्र (Leech Protection Gear) पहन लें। इस कपड़े को मोजे के ऊपर पहन कर घुटनों तक बाँध लेते हैं। यानि आपकी त्वचा तक पहुँचने के लिए जोंक को तिहरे सुरक्षा घेरे यानि जूते, फिर इस कपड़े और मोजे या ऊपर की पतलून को पार करना होगा।




सारे भारतीय पर्यटक तो यही करते दिख रहे थे पर जब हम पेरियार झील को पार कर रहे थे तो जंगल में Wild Camp से लौट रहा एक विदेशी दल दिखा। 'Wild Camp ' में दो तीन दिन जंगलों के बीच रह कर जानवरों को देखने की कोशिश की जाती है। पर इन विदेशी पर्यटकों को देख कर हमें अपनी सुरक्षा तैयारी पर हँसी आ गई।



बंदूकधारी सुरक्षा गार्डों से घिरी इस विदेशी कन्या की वेशभूषा को देखें और बताएँ कि क्या सोचकर जोकों ने इन्हें बख्श दिया होगा ? :)

5 टिप्‍पणियां:

  1. शायद उन जोकों का इन मैडम पर दिल आ गया होगा

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  2. मेरे हिसाब से तो शर्म आ गई होगी उन्हें... दया भी आ सकती है... दिल आता तो चिपक गई होती....
    वैसे सवाल तो अच्छा है, एक मेरा भी सवाल है स्वेटर पहने,ठंड में मैंने ठिठुरते हुए मैंने कुछ ऐसे ही कपड़ो में देखा है... 'क्या लड़कियों को ठंढ भी नहीं लगती?'

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  3. मनीष जी सच कहूँ अगर कोई चिठाकारी मे मेहनत कर रहा है तो वो आप है ,हम तो ऐ.सी कमरे मे बैठकर विवरण लिख रहे है......
    जोंको का भी दिल होता है ....इस चित्र से यही साबित होता hai.

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  4. ओह! जोंक ने भी दूर से ही सलाम कर दिया.

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  5. अभिषेक का जवाब काबिलेगौर है...
    दिल आता तो चिपक गई होती....
    हा हा हा !
    और जो प्रश्न पूछा है वो भी बड़ा ज़ायज प्रश्न है पर इसका जवाब तो कोई मोहतरमा ही दे सकती हैं। किसी से पूछ कर बताना हमारे ज्ञान में भी कुछ इज़ाफा होगा :)

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