मंगलवार, 21 जून 2011

रामोजी फिल्म सिटी के गुड्डे गुड़ियों की दुनिया !

तो आज मौका है आपको रामोजी फिल्म सिटी के गुड्डे गुड़ियों की टोली से मिलाने का। फिल्म सिटी के इन देशी विदेशी गुड़ियों को देखने का जरिया है एक रेलगाड़ी जो इनकी रंग बिरंगी दुनिया के बीच से होकर गुजरती है। आइए आपको भी इन चित्रों की बदौलत दिखाते हैं इनकी इसी चमकती दमकती दुनिया की एक झलक..

ये रहा न्यूयार्क..


और ये सटैच्यू आफ लिबर्टी


इटली का सभागार


राजा व उनकी मलिकाएँ
सैनिक तरह तरह की वेशभूषा में



मेले का एक झूला



यूरोपीयों का प्रिय शगल : घुड़दौड़


कहता है जोकर सारा ज़माना...

वाह ताज !


इस श्रृंखला की सारी कड़ियाँ

5 टिप्‍पणियां:

  1. बढिया चल रहा है वृतांत .. हम भी आपके सहयात्री हैं !!

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  2. दरअसल जि‍न्‍दगी की हकीकत भी यही है... सीमेंट के मकान भी ज्‍यादा से ज्‍यादा 40 बरस चलते हैं पर लोग तो मकानों दुकानों और जि‍न्‍दगी पर ऐसे खर्च करते हैं जैसे अमर होने का वरदान लेकर आये हों।

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  3. समझते ही नहीं की दुनि‍यां भी एक स्‍टूडि‍यो सेट ही है

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  4. हैदराबाद तो गयी थी मैं एक सोलो ट्रिप में पर रामोजी फिल्म सिटी जाना नहीं हो पाया |

    खैर अगली बार के लिए भी तो कुछ छोड़ना था | :)
    दृश्य बहुत सुन्दर हैं |

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  5. संगीता जी साथ बने रहने के लिए शुक्रिया !

    राजे शा हाँ आपकी बात पढ़कर आनंद फिल्म का वो लोकप्रिय डॉयलाग याद आ रहा है कि हम सब रंगमंच की कठपुतलियाँ हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है।

    निशा जानकर खुशी हुई कि आपको चित्र अच्छे लगे।

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