शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

चलिए बैंकाक की चाओ फराया नदी में रात के सफ़र पर. Night cruise in Chao Pharaya River, Bangkok

नदियाँ शहर की सुंदरता को तब और बढ़ा देती हैं जब वो शहर के बीचो बीच से गुजरती हों। हाल फिलहाल में लंदन में टेम्स और पेरिस में सीन के अगल बगल बिखरी सुंदरता तो देख चुका हूँ। पर आज ऐसे ही एक नदी के किनारे बसे शहर की बात करूँगा जो भारत से ज्यादा दूर भी नहीं है और जहाँ की एक शाम मैंने उसी नदी के साथ गुजारी थी। वो शहर था बैंकाक और वो नदी थी चाओ फराया

चाओ फराया थाइलैंड की एक प्रमुख नदी है जो इसके केंद्रीय मैदानी भाग से दक्षिण की ओर बहती हुई थाइलैंड की खाड़ी में जा मिलती है। इस नदी के किनारे थाइलैंड के कई नए पुराने शहर बसे हुए हैं जिनकी समृद्धता की वज़ह नदी मार्ग से होने वाले व्यापार की सहूलियत थी। जब थाइलैंड स्याम के नाम से जाना जाता था तब भी यही नदी इसकी प्राचीन राजधानी अयुथ्या से समुद्र तक के व्यापार मार्ग का साधन थी। 

River City Shopping Complex, Bangkok

आज चाओ फराया बैंकाक शहर  को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बाँटती है। नदी के  पूर्वी हिस्से  की ओर आज का आधुनिक बैंकाक फैला हुआ है। शहर के सभी प्रमुख शॉपिंग मॉल व् मेट्रो सेवा इसी इलाक़े में पड़ते हैं जबकि इसका पश्चिमी पुराना इलाका चाइना टाउन, फूलों के बाजार और वाट अरुण के लिए जाना जाता है।



बैंकाक में मैं वहाँ के व्यस्त इलाके सुखमवित में ठहरा हुआ था। शाम को वहाँ से चाओ फराया नदी तक पहुँचने के लिए हमें रिवर सिटी शापिंग कॉम्पलेक्स के पास पहुँचना था जो वहाँ के शांगरी ला होटल के करीब है। इसी कॉम्पलेक्स से डिनर क्रूज के लिए जहाज चलते हैं। अपने होटल से निकलते ही हम बेंकाक के जाम में फँस गए। दिल्ली व कोलकाता की व्यस्त सड़कें तुरंत याद आ गई जहाँ भीड़ भाड़ के समय ट्रैफिक चींटी की तरह रेंगता है।

Route followed in Chao Pharaya dinner cruise from River City to Rama VIII bridge.

बहरहाल हमारे टूर आपरेटर ने इतना समय का फासला दे रखा था कि वहाँ पहुँच कर कुछ समय शॉपिंग मॉल में खरीदारी के लिए निकाल सकें। खरीदारी तो हमने की नहीं। बस दुकानों के बाहर डोलते रहे। वहाँ और कुछ तो नहीं पर रंग बिरंगा उल्लू मुझे बड़ा पसंद आया।


Beautifully made owl in River City Shopping Complex

रिवर सिटी में उस वक़्त खासी चहल पहल थी। अलग अलग समूहों में आए लोग बारी बारी से अपनी नौकाओं का इंतज़ार कर रहे थे। यात्री आपस में मिल ना जाएँ इसलिए सभी कंपनियाँ अपने अपने स्टिकर को हमारी अच्छी खासी ड्रेस पर चिपकाकर उसका सत्यानाश किए दे रही थीं। ख़ैर लोगों का ध्यान स्टिकर से ज्यादा उन्हें लगाने वाली कन्याओं पर था और उनके साथ वे फोटो खिंचवा कर निहाल हुए जा रहे थे। ज़ाहिर था उनमें से ज्यादा भारतीय थे।

रात के आठ बजे हमारी फेरी का आगमन हुआ। अंदर का माहौल ऐसा था कि लगा एक भारतीय रेस्ट्राँ में आ गए हों। सारे भारतीयों को लगता है एक ही फेरी में डाल दिया गया था। सो खाना भी भारतीय और संगीत भी। अपनी जगह लेने के बाद ऐसा लगा कि जो आनंद डेक से चाओ फराया को देखने में आएगा वो रेस्त्राँ के केबिन से कहाँ...

Well decorated ferries from River City pier

डेक तक पहुँचे ही थे कि तुरंत वाट कनलायनमित मंदिर समूह से जुड़ा स्तंभ दिख गया। वैसे अगर आप मेरे इस वाट शब्द के प्रयोग से चौंक रहे हों तो ये बता दूँ कि थाइलैंड में मंदिर को वाट कहा जाता है।


सफेद रोशनी से नहाए इस स्तंभ का आधार तो सामने की इमारतों से ही छुप रहा था पर मैंने इसके ऊपरी सिरे को ही कैमरे की फ्रेम के अंदर रखा।

Wat Kanlayanamit

इस स्तंभ के थोड़ा आगे बढ़ते ही यहाँ का एक प्रसिद्ध मंदिर वाट अरुण यानि Temple of Dawn दिखता है। पर उस दिन किसी वज़ह से उसे प्रकाशित नहीं किया गया था इसलिए मुझे उसकी तसवीर से वंचित होना पड़ा।

ग्रैंड पैलेस Grand Palace night view
फेरी के अंदर का माहौल भी जमने लगा था। हमारी थाई मेजबान जय हो... का गान कर रही थी और मस्ती में डूबे जोड़े उसके आस पास थिरक रहे थे। थोड़ी देर भोजन के साथ मैंने भी गीत संगीत का आनंद उठाया और फिर नदी के साथ चलते शहर पर अपनी नज़रे  फिर से टिका दीं। अब नदी के पूर्वी हिस्से में राजा का जगमगाता महल दिख रहा था और उसके साथ लगा एमरेल्ड बुद्ध का मंदिर

Grand Palace and Wat Phra Kaew
पर चाओ फराया नदी से जो सबसे सुंदर दृश्य दिखाई देता है वो है राम VIII के पुल जो इसी नाम के राजा के सम्मान में नब्बे के दशक की आख़िर में बना था। एक स्तंभ में बँधे मोटे तारों से बना ये पुल सुनहरी रोशनी में अपने एक ऐसे रूप का दर्शन कराता है जिसे देख आँखें ठिठक जाती हैं।

Rama VIII Cable Stayed Bridge



पुल के दूसरी तरफ़ आकर हमारी फेरी वापसी के लिए मुड़ गई। इस पूरी यात्रा में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लगा।
Rama VIII Cable Stayed Bridge from other side
रात्रि दृश्यों की अपनी अलग ही चमक है पर इस नदी और इसके किनारे की गतिविधियों को करीब से देखने में अगर आप दिलचस्पी रखते हों तो यहाँ दिन में चलने वाली यात्री सेवाओं का फ़ायदा उठा सकते हैं। दिन में आप रोशनी की चमक दमक भले ना देख सकें पर रंग बिरंगे मंदिर और नीला आसमान उसकी कसर जरूर पूरी कर देगा।

Hotel Shangari La near River City Shopping Complex
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19 टिप्‍पणियां:

  1. थाईलैंड के शानदार नजारों ने मन मोह लिया !!

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  2. आपके यात्रा वृत्तांत शानदार होते हैं...

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  3. चलो आपके साथ चाओ फराया का सैर भी कर ली।

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    1. सैर तो ख़ैर होती ही रहेगी यूँ ही साथ बने रहें। :)

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    1. शुक्रिया मेरे इस प्रयास की सराहना करने के लिए!
      इस ब्लॉग के किसी भी लेख का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।

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  5. Bilkul aisa maine bhi anubhav kiya tha when I took the night cruise on Chao Pharaya Rive. Indian food, Indian music and Indian mannerisms. Aapko padhne ke baad lag raha hai jaise hum dono ek he cruise par the.:)

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  6. रौशनी में जगमगाते हुए बड़े शहरों के मध्य बहती हुयी नदियां की छटा रात के समय अपने पूरे शबाब पर रहती हैंऐसे में अगर कोई क्रूज़ मिल जाये तो सुंदरता और आंनद में चार चाँद लगने तो स्वभाविक ही हैं।बहुत बढ़िया पोस्ट

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    1. हाँ वो तो है..बस एक मुगालता रहा कि वाट अरूण की रौशनी के साथ सजावट हम नहीं देख पाए !

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  7. चाओ फराया नदी का यह सफर बहुत अच्‍छा लगा। थाइलैंड के सुंदर फोटोग्राफ देखकर मन प्रसन्‍नचित हो गया।

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  8. आपके फोटोग्राफ्स तो बहुत ही लाजवाब हैं। वैसे थाईलैंड जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?

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    1. अगस्त सितंबर में वहाँ बारिश होती है पर पैकेज सस्ते मिलते हैं। बारिश अक्टूबर के पहले दो हफ्तों तक कभी कभी खिंच जाती है। हम अक्टूबर में ही गए थे पर संयोग से बारिश ने आठ दिनों में सिर्फ एक दिन परेशान किया। वैसे थाइलैंड जाने का सबसे बढ़िया समय नवम्बर से फरवरी है।

      चित्र पसंद करने का शुक्रिया !

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  9. Badiya yatra vratant... Chao Phraya river is amazing with so much action happening on her banks...

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