शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2016

दुर्गा पूजा पंडाल परिक्रमा राँची : चलिए ग्यारह लाख चिलमों से बने भोलेनाथ के दरबार में. Durga Puja Ranchi 2016 Part III

राँची के पूजा पंडालों की इस सैर के आख़िरी चरण में आज आपको लिए चलते हैं राँची रेलवे स्टेशन, रातू रोड  काँटाटोली, बाँधगाड़ी और संग्राम क्लब के पंडालों की ओर। पिछले कुछ सालों से राँची स्टेशन पर बनने वाले पंडाल अपनी अनोखी थीम्स के लिए खासे चर्चित रहे हैं। राँची का यही एक पंडाल है जहाँ आपको माँ दुर्गा के दर्शन के लिए लंबी पंक्तियों में खड़ा होते हुए आधे से एक घंटे लग सकते हैं। 

राँची रेलवे स्टेशन पर सजा था बाबा भोलेनाथ का भव्य दरबार
इस बार इस पंडाल में भगवान शिव का भव्य दरबार सजा था। शिव तो पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान थे वही माँ दुर्गा पहाड़ के नीचे गुफा में स्थापित थीं। पंडाल की ओर घुसने के लिए स्वागत एक अघोरी बाबा और गणेश जी कर रहे थे आख़िर पिता का घर जो ठहरा। अंदर जाने के रास्ते में ऊपर एक विशाल डमरू बनाया गया था और दीवारों को घंटियों और मटकियों से मिल कर सजाया गया था।
पंडाल के मुख्य द्वार पर विशाल डमरू

रास्ते के किनारे घंटियाँ और मटकियों से की गई साज सज्जा

पंडाल के मुख्य अहाते में घुसने का साथ सबसे पहले नज़र आया ये दृश्य
शिव की सवारी नंदी

शनिवार, 15 अक्तूबर 2016

दुर्गा पूजा पंडाल परिक्रमा राँची : विचरिए मैसूर के राजमहल में और लीजिए समुद्री जीवों के साथ का आनंद.. Durga Puja Ranchi 2016 Part II

राँची के पूजा पंडालों में भारतीय नवयुवक संघ द्वारा बकरी बाजार इलाके में बनाया गया पंडाल अपनी विशालता और भव्यता के लिए जाना जाता रहा है। राँची के अपर बाजार से सटा ये इलाका थोक व्यापारियों का गढ़ है। इसकी पतली गलियों से गुजरने का साहस आम दिनों में तब तक नहीं करते जब तक एकदम से जरूरत ना हो। राँची के शहर के रूप में बसने से पहले ही ये इलाके गाँव की शक़्ल में बस चुके थे। इन गाँवों का नाम यहाँ होने वाले काम के हिसाब से पड़ गया था। यानि रँगाई का काम तो रंगरेज़ गली, मीट की दुकानों के लिए कसाई गली, सोने के आभूषण की बिक्री के लिए सोनार गली। तब तो गाड़ियाँ सड़कों पर दौड़ती ही नहीं थीं सो ये गली कूचे पैदल और बहुत से बहुत साइकिल चलने के लिए बनाए गए। आज जिस जगह पूजा पंडाल बनाया जाता है वहाँ कभी बकरियों की खरीद फरोख़्त हुआ करती थी। बकरियाँ तो अब यहाँ रही नहीं पर इस इलाके का नाम बकरी बाजार पड़ा रह गया।

मैसूर महल चित्र फ्लैश के साथ,   Mysore Palace

हर साल दशहरे के पहले सप्तमी अष्टमी और नवमी को हजारों की संख्या में भीड़ इन गलियों में उमड़ पड़ती है और हर बार यहाँ का पूजा पंडाल आने वालों को कुछ नया कुछ अप्रतिम देखने का सुख दे ही जाता है। पिछली बार यहाँ मिश्र के विशाल महल का प्रारूप बनाया गया था पर इस बार आयोजकों ने कर्नाटक के मशहूर मैसूर पैलेस को ही यहाँ ला कर खड़ा कर दिया।

पूजा पंडाल की नक्काशीदार छत
दशहरे के समय इस महल को मैसूर में रोशनी से सजा दिया जाता है। उस प्रभाव को उत्पन्न करने के लिए आयोजकों ने 25000 बल्ब का इस्तेमाल किया। ये सब इतनी खूबसूरती से किया कि जैसे ही कोई बकरी बाजार परिसर में प्रविष्ट हुआ वो ठगा का ठगा खड़ा रह गया। महल की स्वर्णिम आभा निसंदेह आँखों को तृप्त करने वाली थी।


पंडाल का बाहरी स्वरूप भले ही आपको दक्षिण भारत की याद दिलाए, अंदर का शिल्प विभिन्न लोक कलाओं को समेटे था।

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2016

दुर्गा पूजा पंडाल परिक्रमा राँची : आज देखिए सत्य अमर लोक व हरमू पंच मंदिर के पंडालों को.. Durga Puja Ranchi 2016 Part I

हफ्ते भर के हर्षोल्लास के बाद मेरे शहर राँची में आज शांति है। हर साल की तरह इस साल भी राँची की गलियों में कई रातें दुर्गा पूजा पंडालों को नापते बीतीं। ये शहर हर साल बड़ी धूम धाम से दुर्गा पूजा का पुनीत पर्व मनाता है और इस वक़्त मानो सारा शहर ही उतर जाता है सड़कों पर। मुझे मालूम है कि जो इस शहर में रह चुके हैं वो भली भांति यहाँ इस वक़्त के माहौल को समझ सकते हैं। तो चलिए इस हफ्ते लगातार चलने वाली पंडाल परिक्रमा से उन लोगों की स्मृतियाँ फिर से जागृत हो्गी जो आज इस शहर से दूर हैं और जिन्होंने ये महोत्सव नहीं देखा वो ये महसूस करेंगे कि राँची में आगमन का ये सबसे अनुकूल समय है।

सत्य अमर लोक का पूजा पंडाल Satya Amar Lok
सबसे पहले आपको लिए चलते हैं राँची के पहाड़ी मंदिर के पास पर स्थित सत्य अमर लोक के पंडाल में जो इस बार पुआल को सी कर बनाया गया था।। चार मंजिले पंडाल को थाई पैगोडा यानि बौद्ध मंदिर की शक़्ल दी गई थी। चार ट्रक पुआल को बंगाल के कारीगरों से महीने  भर पहले सिलवाया गया। पंडाल की बाहरी और अंदरुनी दीवारों पर माँ दुर्गा के रूपों को प्रदर्शित किया गया था। तो आइए देखें इस पंडाल की कारीगिरी को..


पंडाल की खूबसूरत छत से लटकते झाड़फानूस
दुर्गा के कई रूपों को चित्रित करती पंडाल की आंतरिक साज सज्जा