tag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post2418464443746748395..comments2024-03-28T17:53:12.238+05:30Comments on मुसाफ़िर हूँ यारो... ( Musafir Hoon Yaaro ...): कैसे होते हैं कस्बाई मेले ? : आइए देखें एक झलक सोनपुर यानि हरिहर क्षेत्र के मेले की! (Sonepur Fair, Bihar)Unknownnoreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-3878982681406780932014-08-26T18:04:25.123+05:302014-08-26T18:04:25.123+05:30Mele to ab filmo me dikhe jate hai asli me maza le...Mele to ab filmo me dikhe jate hai asli me maza lena hai to sonpur abashy jaye...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18405624663851166804noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-18751711339556929882014-02-17T01:13:49.596+05:302014-02-17T01:13:49.596+05:30क्या आपने पशु मेला भी देखा हैं? कैसा लगा आपको वो?क्या आपने पशु मेला भी देखा हैं? कैसा लगा आपको वो?Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-51699907072287510472014-02-17T01:12:46.899+05:302014-02-17T01:12:46.899+05:30चलिए इसी बहाने आपकी पुरानी यादें तरोताज़ा हो जाया ...चलिए इसी बहाने आपकी पुरानी यादें तरोताज़ा हो जाया करती होंगीManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-16547828049805239532014-02-17T01:11:27.644+05:302014-02-17T01:11:27.644+05:30शुक्रिया हैदराबादी मेले से जुड़े अपने अनुभव यहाँ बा...शुक्रिया हैदराबादी मेले से जुड़े अपने अनुभव यहाँ बाँटने के लिए अन्नपूर्णा जी।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-40841531495660013602014-02-17T01:10:02.331+05:302014-02-17T01:10:02.331+05:30हाँ ज्ञानदत्त जी सोनपुर तो रेलवे से सीधे जुड़ा हुआ ...हाँ ज्ञानदत्त जी सोनपुर तो रेलवे से सीधे जुड़ा हुआ भी हैManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-41777304644206467332014-02-17T01:08:53.782+05:302014-02-17T01:08:53.782+05:30यहाँ जाने का सबसे बड़ा आकर्षण पशु मेला है तो मेरी स...यहाँ जाने का सबसे बड़ा आकर्षण पशु मेला है तो मेरी सलाह ये है कि जब भी जाइए मेले के शुरुआती हफ्तों में जाइए।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-75070042681851624102014-02-17T01:07:03.170+05:302014-02-17T01:07:03.170+05:30आपकी बात सौ आने सही है मृत्युंजय !आपकी बात सौ आने सही है मृत्युंजय !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-18207828030408049692014-02-17T01:06:26.291+05:302014-02-17T01:06:26.291+05:30हम्म होता है या था सुनीता जी...हम्म होता है या था सुनीता जी...Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-42256106058597258482014-02-17T01:05:39.719+05:302014-02-17T01:05:39.719+05:30बहुत दिनों बाद आपसे मुखातिब हो रहा हूँ Aurojit...आ...बहुत दिनों बाद आपसे मुखातिब हो रहा हूँ Aurojit...आप हम जिस ज़माने में पले बढ़े उसकी वज़ह से मेले की रौनक को बढ़ते घटते हमने देखा है। जहाँ तक खुशियों का Quotient अलग होने की बात है तो आप ही बताइए कि जिस पीढ़ी को शुरु से ही मोबाइल की लत लगी हो तो उसके सामने लंबे तार वाला टेलीफोन सामने कर दिया जाए तो उसे कैसा लगेगा। आज का युवा वातानुकूलित कक्षों में चमकदार मेजों और खूबसूरत वेटरों के हाथों आद्र देने के बजाए मेले के ठेले पर भिनबिनाती मक्खियों के बीच जलेबी या चॉट खाने को कैसे स्वस्थकर मानेगा। अपनी बात करूँ तो जापान में रॉलर कोस्टर को रोमांच महसूस करने के बाद मुझे तो कोलकाता का निक्को पार्क और मुंबई का एसेल वर्ल्ड के झूले बच्चों को खेल ही दिखते हैं।<br /><br />सीधी बात ये है कि सवाल खुशियों से ज्यादा रहन सहन के स्तर से है। हमारे आप जैसे लोगों का नोस्टालजिया छोड़ दें तो ये मेले आज निम्न मध्यम वर्ग के मनोरंजन की जरूरत को पूरा करने का साधन भर हो गए हैं। कल वो भी ऊपर की ओर बढ़ेंगे तो इन मेलों को छोड़ इससे ज्यादा चकाचौंध जहाँ भी उपलब्ध होगी वहीं भागेंगे।<br /><br /><i>New Kolkata वाला मुझे fraud लगता है..</i><br />हो सकता है पर कोलकाता से सोनपुर दिल्ली की अपेक्षा ज्यादा नज़दीक है। Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-12800624924783446652014-02-16T21:24:22.943+05:302014-02-16T21:24:22.943+05:30नमस्कार, मनीष जी,
आपके ब्लॉग को समय - समय follow ...नमस्कार, मनीष जी,<br /><br />आपके ब्लॉग को समय - समय follow करते हुए भी, यह मेरा प्रथम अवसर है यहाँ टिप्पणी करने का । आपके आलेख वाकई काफी रोचक और प्रासंगिक है ।<br /><br />सोनपुर के प्रसिद्ध मेले का आपने बड़ा ही रोचक बखान किया है ।<br /><br />मेलो के प्रति हमारे समाज की उदासीनता - यह मेरा favourite प्रसंग है :-) मेले, झूले, गुब्बारे, खील-बताशे v/s mall,pizza,roller-coaster, foodparks ........................ do they really impact the happiness quotient differently ? या कि हमे एक दायरे मे खड़ा कर दिया गया है जहाँ खुशियों के आयाम को बाहरी व्यवसायिक प्रभावों पर निर्भर कर दिया गया है ?<br /><br />New Kolkata वाला मुझे fraud लगता है (शायद वह दिल्ली से है) - 'new' की spelling देखिये; जैसे यहाँ 'कृप्या' शब्द का सरे-आम इस्तेमाल होता है :-)<br /><br />Aurojit (Ghum)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-10228453967771880462014-02-07T14:58:55.452+05:302014-02-07T14:58:55.452+05:30सुन्दर प्रस्तुति!सच में मेले में घुमने का मजा ही क...सुन्दर प्रस्तुति!सच में मेले में घुमने का मजा ही कुछ और होता है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13127771927292993754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-56688130700463506232014-02-05T12:01:37.345+05:302014-02-05T12:01:37.345+05:30तली हुई लिट्टी मे वो बात नही है . गोइठा पर सेका ह...तली हुई लिट्टी मे वो बात नही है . गोइठा पर सेका हुआ लिट्टी ही अच्छा लगता है . <br /><br />सोनपुर मेले मे जाने की इच्च्छा है देखते है कब प्युरे होती है Mrityunjay Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/16617062454375288188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-41823369113841037912014-02-04T12:13:57.106+05:302014-02-04T12:13:57.106+05:30Ek baar to Sonpur mela jaana hai, iske pahle ki ye...Ek baar to Sonpur mela jaana hai, iske pahle ki ye sanskriti hamesha ke liye khatam ho jaaye .. acha laga padh ke Puru@ShadowsGalorehttps://www.blogger.com/profile/10717736256822277891noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-51008760572843470942014-02-03T13:20:54.528+05:302014-02-03T13:20:54.528+05:30हैदराबाद में 1 जनवरी से 45 दिन तक चलने वाली हर साल...हैदराबाद में 1 जनवरी से 45 दिन तक चलने वाली हर साल की नुमाइश में भी फोटो की ऐसी दुकानें हुआ करती थी और ऐसे ही फोटो खिंचवावे जाते थे, खासकर युवा लङकियां दुपहिया वाहन चलाने के पोज़ में भी फोटो खिंचवाती थी, उन दिनों समाज में लङकियां दुपहिया वाहन नहीं चलाती थी, अब ऐसी दुकाने कुछ सालों से नुमाइश में नहीं दिख रहीAnnapurna Gayheehttps://www.facebook.com/annapurna.gayheenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-10714422754151609212014-02-03T05:11:55.488+05:302014-02-03T05:11:55.488+05:30गये हैं, एक ही स्थान पर सब कुछ मिल जाता है, सब कुछ...गये हैं, एक ही स्थान पर सब कुछ मिल जाता है, सब कुछ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-42539183580674009962014-02-02T13:51:21.899+05:302014-02-02T13:51:21.899+05:30बेहतरीन आकलन है आपका शचिन्द्र.. पढ़कर मन प्रसन्न हु...बेहतरीन आकलन है आपका शचिन्द्र.. पढ़कर मन प्रसन्न हुआ।<br />Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-85933933499750935922014-02-02T12:17:10.618+05:302014-02-02T12:17:10.618+05:30हमारे बहराइच में भी जेठ मेला लगता है। फ़ेसबुक पर पो...हमारे बहराइच में भी जेठ मेला लगता है। फ़ेसबुक पर पोस्ट के साथ लगी 'शोभा सम्राट थियेटर' पर लिखी पोस्ट याद आ गयी। वहाँ के नोस्टे ल जिया पर फ़िर कभी.. अभी तो बस लिंक दिये दे रहा हूँ। <br /><br />'शोभा सम्राट थियेटर' का उत्तर आधुनिक पाठ:<br /><br />http://karnichaparkaran.blogspot.in/2013/03/blog-post_12.htmlशचीन्द्र आर्यhttps://www.blogger.com/profile/04772878588085381288noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-18870994410789194302014-02-02T12:06:35.666+05:302014-02-02T12:06:35.666+05:30अच्छी लगी पोस्ट। मन होता है ऐसे मेले में यूं ही घू...अच्छी लगी पोस्ट। मन होता है ऐसे मेले में यूं ही घूमने का! कभी मौका लगेगा हरिहर क्षेत्र का भी, शायद। Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-6080386200982977582014-02-02T12:05:24.338+05:302014-02-02T12:05:24.338+05:30शॉपिंग मॉल ,एम्यूजमेंट पार्क होते हुए भी
बचपन मे...शॉपिंग मॉल ,एम्यूजमेंट पार्क होते हुए भी <br />बचपन में साल में एक बार निश्चित समय पर <br />लगाने वाले मेलों का आनन्द अलग ही था। आज भी <br />कोशिश करता हूँ कि उन मेलो में भाग ले सकू RAKESH BHARTIYAhttps://www.blogger.com/profile/16352585510055777781noreply@blogger.com