tag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post8085134261649328993..comments2024-03-28T17:53:12.238+05:30Comments on मुसाफ़िर हूँ यारो... ( Musafir Hoon Yaaro ...): दिल्ली डॉयरी : सूखे दिन... रंगीन शामेंUnknownnoreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-40652868145501944442010-07-15T20:34:13.994+05:302010-07-15T20:34:13.994+05:30Main abhi-2 wapas aayi hu Tamil Nadu ki garmi se b...Main abhi-2 wapas aayi hu Tamil Nadu ki garmi se bachker aur Dilli ki garmi se saamna ?<br /><br />Waise aapki prastuti bahut achhi lagi aur chitra bhi. Abhi tak Lotus temple nahi jana ho paya hai lekin. :(Nishahttp://www.lemonicks.com/Travel/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-48849098418797207282010-07-13T23:24:28.296+05:302010-07-13T23:24:28.296+05:30Pics to saari acchi thi bade bhai.. ek malaal rahe...Pics to saari acchi thi bade bhai.. ek malaal rahega agar 1 din pehle bhi aapke aane ka idea hota to zaroor milte hum..<br /><br />Mere to ghar se bhi pacific mall just 20 min ke drive pe hai.. :DAlokTheLighthttps://www.blogger.com/profile/16739621347390106009noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-49002142849966841392010-07-09T23:52:00.964+05:302010-07-09T23:52:00.964+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.Maria Mcclainhttps://www.blogger.com/profile/07257108859219860881noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-25228864513818428912010-07-09T16:21:12.022+05:302010-07-09T16:21:12.022+05:30Dilli ki hakikat ko bahut achhe se represent kiya ...Dilli ki hakikat ko bahut achhe se represent kiya hai apne...Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-7199246595933429262010-07-09T15:03:49.357+05:302010-07-09T15:03:49.357+05:30बेहतरीन तस्वीरें हैं
प्रणामबेहतरीन तस्वीरें हैं<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-51106204914754639262010-07-08T19:54:59.248+05:302010-07-08T19:54:59.248+05:30सुन्दर प्रस्तुति. आभार.सुन्दर प्रस्तुति. आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-20817635526861059362010-07-08T18:47:18.425+05:302010-07-08T18:47:18.425+05:30दिल्ली दर्शन का शुक्रिया...मैं भी दिल्ली रहा हूँ ल...दिल्ली दर्शन का शुक्रिया...मैं भी दिल्ली रहा हूँ लेकिन मुझे वो कभी अच्छी नहीं लगी...भीड़ भाद शोर शराबे से वहां दिल घबराता है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-17760014312144920322010-07-08T13:29:43.803+05:302010-07-08T13:29:43.803+05:30मनीष जी सही कहा आपने , मेरी टिप्पड़ी में विषयांतर ...मनीष जी सही कहा आपने , मेरी टिप्पड़ी में विषयांतर हो गया था , पर एक का दर्द भी छिपा था उसमे.<br />मैंने आपके लेख में कोई कमी नहीं निकाली है , आपका लेख बहुत ही सार्थक और सारगर्भित था . माधव मेरे बेटे का ब्लॉग है जो ढाई साल का हैMrityunjay Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/16617062454375288188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-58010345944317461682010-07-08T09:25:08.381+05:302010-07-08T09:25:08.381+05:30...और हाँ मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली भी चल सकते हैं !...और हाँ मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली भी चल सकते हैं !मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-48563948077252485682010-07-08T09:22:54.813+05:302010-07-08T09:22:54.813+05:30जहाज़ पूरी दिल्ली दिखा पाता तो पता चलता कि कितनी हर...जहाज़ पूरी दिल्ली दिखा पाता तो पता चलता कि कितनी हरी-भरी है दिल्ली . उत्तरी दिल्ली, दक्षिण की अपेक्षा अधिक हरी -भरी है भाई . मैं दक्षिण छोड़ कर उत्तर में शिफ्ट इसीलिए हुआ कि यहाँ मोर, किंगफिशर और बत्तख भी दिख जाते हैं जापानी पार्क में . अगली बार आप आओ और खुद देख लो ! मेरा फोने नंबर नीरज से ले सकते हैं . २ दिन निकाल के आइये तो हिमाचल भी चल सकते हैं ! पुणे , चंडीगढ़, मैसूर और गांधीनगर से तो नहीं मगर शेष तीनों मेट्रो सिटिज़ से तो बहुत अच्छी और झेलनीय है ये नगरी !मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-65636594261209836062010-07-07T22:54:11.294+05:302010-07-07T22:54:11.294+05:30Chitra aur vivran dono sazeev hain.shubkamnayen.Chitra aur vivran dono sazeev hain.shubkamnayen.sandhyaguptahttps://www.blogger.com/profile/07094357890013539591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-61076562928176992232010-07-07T20:56:36.933+05:302010-07-07T20:56:36.933+05:30हमारी दिल्ली ऐसी है? विवरण और फोटो दोनो ही बेहतरीन...हमारी दिल्ली ऐसी है? विवरण और फोटो दोनो ही बेहतरीन है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-61497527416231610662010-07-07T20:40:24.161+05:302010-07-07T20:40:24.161+05:30Lovely shots, particularly the Lotus Temple one. A...Lovely shots, particularly the Lotus Temple one. And it is raining cats and dogs these days, apart from the traffic chaos I am not complaining.Mridulahttps://www.blogger.com/profile/07899575209261241247noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-61008491545600050112010-07-07T20:11:09.629+05:302010-07-07T20:11:09.629+05:30माधव जी आपकी टिप्पणी पोस्ट की विषयवस्तु से हटकर है...माधव जी आपकी टिप्पणी पोस्ट की विषयवस्तु से हटकर है। मैंने इस लेख में महानगरीय और छोटे शहरों की जीवन शैली के अलगाव को चिन्हित करने का प्रयास किया है। ये महानगर कोई भी हो सकता है। दौड़ती भागती ज़िंदगियाँ आपको हर ऍसे महानगर में नज़र आएँगी और साथ नज़र आएगा ज़िंदगी के छोटे छोटे सुखों को जी पाने का आभाव। ज़ाहिर है रोज़गार के अच्छे अवसर पाने के लिए ये कष्ट तो सहना ही पड़ता है।<br /><br />लेह अभी तक गया नहीं जब ऐसा अवसर मिलेगा आपसे जरूर बाटूँगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-62691806046555021712010-07-07T17:55:13.235+05:302010-07-07T17:55:13.235+05:30मनीष जी,
आपसे मैने दो बार मिलने का वादा किया था ले...मनीष जी,<br />आपसे मैने दो बार मिलने का वादा किया था लेकिन दोनों ही बार मिल नहीं सका। <br />पहली बार का मामला तो आपको पता ही है। दूसरी बार का मैं बताता हूं। जब आपका फोन आया कि मैं फ्लाइट से दिल्ली आ रहा हूं, रात नौ बजे दूसरी फ्लाइट है। उस समय मुझे पूछना याद नहीं रहा कि मिलना कहां है? दोबारा फोन किया तो स्विच ऑफ मिला। मैं तुरन्त ही निकल पडा। सोचा कि दो घण्टे में धौला कुआं या फिर एयरपोर्ट पहुंच जाऊंगा, तब फोन कर लूंगा। लेकिन धौला कुआं पहुंचकर आपको फोन मिलाया तो मिला ही नहीं। <br />आज भी या तो टूं-टूं की आवाज आकर फोन कट जाता है या फिर अनरीचेबल आता है।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-62796917324495145262010-07-07T15:51:16.210+05:302010-07-07T15:51:16.210+05:30तस्वीरें बहुत अच्छी है , धन्यवाद .
लेह लदाख का ...तस्वीरें बहुत अच्छी है , धन्यवाद .<br /><br /><br /> लेह लदाख का लेख लिखे तो कृपा होगीमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3501421444018104566.post-54696427149596030682010-07-07T15:45:03.466+05:302010-07-07T15:45:03.466+05:30पोस्ट तो बहुत अच्छी है , बिलकुल सच लिखा है दिल्ली ...पोस्ट तो बहुत अच्छी है , बिलकुल सच लिखा है दिल्ली के बारे में . दिल्ली के सच से रु बा रु करा दिया . पर इतना सच लिखना भी अच्छा नहीं है , इसी दौडती भागती दिल्ली में डेढ़ करोड़ लोग रहते है . दिल्ली सिर्फ सपने नहीं दिखाती बल्कि रोटी भी देती है . दोष दिल्ली का नहीं बल्कि हमारे भ्रष्ट नेताओं का है जिन्होंने आजादी के साठ साल बाद भी कलकाता से दिल्ली के बीच कोई ढंग का शहर नहीं बसा सके . दिल्ली पर बोझ है पुरे उत्तर भारत का.<br /><br />रोजगार, शिक्षा , स्वास्थ्य या किसे भी चीज के लिए उत्तर भारतीय दिल्ली का मुह ताकते है. अगर बिहार या यु पी में कोई दिल्ली जैसा शहर होता तो ना दिल्ली ऐसी होती ना दिल्ली के लोग ही. लुतीयन की दिल्ली ५० लाख लोगो के लिए थी ना की डेढ़ करोड़ के लिए .<br /><br />तसवीरें काफी अच्छी है , एक बात और... दिल्ली में हरियाली है विशवास ना हो तो मेरे ब्लॉग पर आकर देख लेमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.com