शनिवार, 11 अक्टूबर 2025

चलें मेसरा से बरकाकाना की ओर: कांस के फूलों के साथ लिपटी हरियाली

यूं तो कांस के फूल शरद ऋतु के आगमन का संकेत देते हैं पर इस बार संपूर्ण भारत में इंद्र ने अपनी सेनाएं  रावण के जलने तक वापस नहीं बुलाई। नतीजन बेचारा रावण इस साल आधा आग और आधे पानी की बौछार से सिमट सिकुड़ कर गिरने को मजबूर हो गया और उधर मां दुर्गा तक पहुंचने के लिए भक्तों को पानी के साथ गलियों में छपाछप करनी पड़ी।

राँची का बाहरी इलाका

शायद इंद्र का व्यवहार पहले भी ऐसा ही रहता होगा तभी ऋषि मुनियों के साथ देवताओं से भी उनकी खटपट चलती रहती थी। इसलिए इस साल कांस के फूलों को बारिश की फुहारों के बीच लहराते रहना पड़ा।  वो तो अपने समय से फूले पर इस बार बारिश की विदाई के लिए नहीं पर उनके द्वारा लाई हरितिमा के साथ कदम ताल करने के लिए।

बड़काकाना  स्टेशन 

कुजू, हजारीबाग के पास

बारिश की इस तेजी पर तो कम से कम इस साल महाकवि तुलसीदास  को रामचरितमानस की अपनी वो चौपाई वापस लेनी ही पड़ती जिसमें उन्होंने लिखा था

“वर्षा विगत शरद ऋतु आई, 
लक्ष्मण देखहीं परम सुहाई, 
फुले कांस सकल मही छाई, 
जनु वर्षा कृत प्रकट बुढ़ाई” 

मेसरा के पास


बहरहाल पिछले महीने जब मैं रांची के निकट स्थित मेसरा से बरकाकाना की ओर जा रहा था तो कांस के कहीं श्वेत तो कहीं सुनहरे फूलों का पहाड़ियों, खेत खलिहानों और खाली पड़ी जमीनों में अनूठा विस्तार देखने को मिला। कांस की बालियां धान के खेतों के किनारे ऐसा कंट्रास्ट रच रही थीं जिसे देखना किसी भी प्रकृति प्रेमी के मन को तरंगित कर दे। 

मेसरा और बड़काकाना के बीच 


सूर्यास्त वेला 

रेल मार्ग से ये रास्ता कई सुरंगों और मनोरम घाटियों के बीच से निकलता है। सुरंगों के अंधकार से निकलते हुए अनायास पहाड़ की ढलानों पर कांस की सैकड़ों मीटर तक फैली सफ़ेद चादर देखने लायक थी।

बड़काकाना के पास


ट्रेन की खिड़की से एक घंटे मैं यूं ही चिपके बैठे रहा ढलते सूरज के साथ कांस की छटा को देखता हुआ और मन ही मन पंकज उधास की गाई वो मशहूर पंक्तियां होठों पर चली आई कि 

चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल
एक तू ही धनवान है "कांसी" बाकी सब कंगाल 😊

चांदी जैसा रंग है तेरा



2 टिप्‍पणियां:

  1. मनोहारी प्रस्तुति!! आपको प्रकृति की सुंदरता को शब्दों में पिरोने की अद्भुत कला आती है, आगे भी ऐसे ही लेखन से हमें समृद्ध करते रहें🙏🏻

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    1. उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद। मेरी ये कोशिश जारी रहेगी।

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