पिछले महीने काम के सिलसिले में तमिलनाडु के सेलम (Salem) शहर में था। बैंगलोर से 186 किमी दक्षिण पूर्व और कोयम्बटूर के 160 किमी उत्तर पूर्व इस शहर का शुमार राज्य के पाँच बड़े शहरों में होता है। सेलम तमिलनाडु के पर्वतीय स्थल येरकाड ( Yercaud ) का प्रवेश द्वार भी है और साथ ही यहाँ बनने वाली स्टेनलेस स्टील के बर्तनों से तो आप वाकिफ़ ही होंगे।येरकाड की यात्रा तो मैं आपको कराऊँगा ही पर पहले सेलम में बिताई उस चम्पई सुबह के कुछ हसीन नज़ारे आपको दिखाता चलूँ।
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चम्पा की गोद में समाया आकाश |
राँची से दिल्ली और फिर कोयम्बटूर होते हुए जब सड़क मार्ग से मैं सेलम पहुँचा तो रात अपनी काली चादर फैला चुकी थी। मार्च का पहला हफ्ता था पर कोयम्बटूर और सेलम में इतनी गर्मी थी कि AC चलाना अनिवार्य हो गया था। वैसे यहाँ लोग कहते हैं कि साल के दो तीन महीने छोड़कर मौसम एक सा यानि गर्म ही रहता है।
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सेलम सुबह सुबह सड़क का नज़ारा |
यात्रा की थकान की वज़ह से नींद अच्छी आई। सुबह जब तफ़रीह के लिए निकले तो सड़कें लगभग सुनसान थीं। सूर्योदय हो चुका
था पर बादलों की वज़ह से मौसम सुहावना हो गया था। सड़क के बीचो बीच और अगल
बगल नारियल वृक्षों की कतारें थी। सूखे पत्तों का बिछावन मानो आमंत्रित कर
रहा था भूरी धरती के आगोश में सर रख प्रकृति को निहारने का।
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नेहरू पार्क Jawahar Lal Nehru Park, SSP |
टहलते टहलते मेरी नज़र लाल चम्पा के इस छोटे से पेड़ पर पड़ी। भारत में तो चंपा के वृक्ष आपको हर जगह मिल जाएँगे पर सामन्यतः ये विषुवतीय और शीतोष्ण जलवायु
में मुख्यतः सफेद, लाल और पीले रंगों में पाया जाता
है।
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चम्पा ने कहा बादल से मुझे प्यार तुमसे नहीं है नहीं है.. :) |
बादलों के बीच
चंपा का लाल रंग पूरी तरह निखर नहीं पाया था। फिर भी हरे पत्तों और भूरी ज़मीन की रौनक उन्हीं से थी।
जिस तरह कमल हमारा राष्ट्रीय फूल है वैसे ही
चम्पा को निकारागुआ और लाओस जैसे देशों में राष्ट्रीय फूल का दर्जा मिला
हुआ है।
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लाल चंपा Red Plumeria |