एम्स्टर्डम को लोग दुनिया की साइकिल राजधानी के नाम से भी जानते हैं और जैसे ही आप इस शहर में प्रवेश करते हैं आपको शहर की ये पहचान उसके हर गली कूचे से निकलती दिखाई देती है। मुझे अपनी यूरोप यात्रा में यहाँ एक दिन बिताने का मौका मिला और आज मेरी कोशिश होगी कि उन चंद घंटों में ये शहर जिस रूप में मिला उसकी एक झांकी आपके भी दिखाऊँ।
हर बड़े शहर का एक प्रतीक चिन्ह होता है और एम्स्टर्डम का प्रतीक है Iamsterdam ! शायद ही एम्स्टर्डम में जाने वालों को आपने इस चिन्ह के साथ बिना तस्वीर लिए लौटे देखा होगा। पर इस प्रतीक की पूर्व जानकारी बहुत काम आई और अचानक ही हमारी मुलाकात इससे हो गयी। हुआ यूँ कि दोपहर के आस पास जब हम क्यूकेनहॉफ से एम्स्टर्डम पहुँचे तो बस ने हमें यहाँ के मशहूर राइक्स म्यूजियम के पिछले हिस्से की ओर उतारा। हमारे पास समय म्यूजियम देखने का तो था नहीं तो हम थोड़ा समय गुजारने के लिए इसके अगल बोल डोल ही रहे थे कि सफेद लाल रंग से रँगे दो मीटर ऊँचे इन अक्षरों की झलक दूर से दिखी। फिर तो हमारे कदमों में पंख लग गए और कुछ ही क्षणों में हम इन अक्षरों की छाँव में तस्वीरें खिंचा रहे थे।
एमस्टर्डम का प्रतीक है Iamsterdam |
आप सोच रहे होंगे कि आख़िर ये निशान शहर का प्रतीक कैसे बन गया? साल 2005 में एम्स्टर्डम को एक अपनी पहचान देने की मुहिम के तौर पर राइक्स म्यूजियम के पास इसे लगाया गया। इस जुमले की शुरुआत वहाँ के कारोबारियों ने की जिसे वहाँ के नागरिकों ने हाथों हाथ लिया और ये इतना लोकप्रिय हुआ कि इसे शहर का प्रतीक बना दिया गया। आज एम्स्टर्डम में तीन जगहों पर आप इस 23.5 मीटर चौड़े प्रतीक चिन्ह को देख सकते हैं। पहला राइक्स म्यूजियम के सामने, दूसरा एयरपोर्ट के पास और तीसरा कहीं भी आपको दिख सकता है। मतलब शहर में हो रही व्यावसायिक व सांस्केतिक गतिविधियों के हिसाब से इसकी जगह बदलती रहती है। दुनिया के विभिन्न भागों से आए यात्रियों का आदि काल से स्वागत करने वाला इस शहर का ये प्रतीक यही कहना चाहता है कि एम्स्टर्डम हम सबका है।
वैसे इन अक्षरों के साथ exclusive तसवीर खिंचवाना एक टेढ़ी खीर है। किसी भी अक्षर के किनारे, अंदर या यहाँ तक कि कूद फाँद करते हुए इसके ऊपर भी भिन्न भिन्न मुद्राओं में आपको लोग अपनी तसवीर खिंचवाते मिलेंगे। यहाँ पर खड़े होकर लोगों की गतिविधियों को देखते हुए मुझे यही महसूस हुआ कि आप विश्व के चाहे किसी कोने से ताल्लुक रखते हों, कितने भी उम्रदराज़ हों, हम सबके अंदर एक बच्चा मौजूद है।
राइक्स म्यूजियम एमस्टर्डम Rijksmuseum |
फ्रांस को यूँ ही यूरोपीय सोच और कला में अग्रणी नहीं माना जाता। अब देखिए ना, जब वहाँ एफिल टॉवर बना तो लंदन में Giant Wheel के नाम से फेरीज़ व्हील बनी। पेरिस ने अपने सांस्कृतिक दमखम को सहेजने के लिए लूव्रे म्यूजियम बनाया तो अन्य यूरोपीय देशों में भी ये जरूरत महसूस की जाने लगी और हॉलैंड भी इससे अछूता नहीं रहा । सत्रहवीं शताब्दी के आख़िर में हेग में राइक्स म्यूजियम की शुरुआत हुई। वहाँ से इसका स्थानंतरण एमस्टर्डम हुआ और फिर 1885 में ये संग्रहालय इस रूप में आया। इस इमारत की संरचना में गोथिक और यूरोप के पुनर्जागरण कालीन शैलियों का मिश्रण है। ये संग्रहालय डच इतिहास के आठ सौ सालों का विभिन्न रूपों में समेटे है जिसमें यहाँ की चित्रकला व स्थापत्य का विशेष स्थान है।
राइक्सम्यूजियम सामने से |
चार साल पहले राइक्स म्यूजियम के सामने के उद्यान को एक नए रूप में सँवारा गया। सुबह से शाम छः बजे तक आप यहाँ लोगों की गहमागहमी देख सकते हैं। यहाँ खुले में ही शिल्पकला का प्रदर्शन किया जाता है जिसे देखने के लिए टिकट भी नहीं लगता।
राइक्सम्यूजियम उद्यान Rijksmuseum's garden |