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शनिवार, 6 दिसंबर 2008

मेरी ओड़िशा यात्रा : कुछ झलकियाँ नंदन कानन से.... Snapshots from Nandan Kanan

नंदन कानन (Nandan Kanan) यानि उल्लास से भरा एक वन। नंदन कानन का जैविक उद्यान भुवनेश्वर से करीब बीस किमी दूरी पर है। 1960 में स्थापित ये उद्यान सफेद बाघों (White Tigers) के लिए तो मशहूर है ही साथ ही यहाँ घड़ियाल प्रजनन केंद्र (Gharial Breeding Centre) भी है।


नंदन कानन में आप टाइगर सफॉरी (Tiger Safari) और नेचर ट्रेल (Nature Trail) का भी आनंद ले सकते हैं। इतना ही नहीं चंडक के जंगलों के विस्तार में बसे इस वन को आप देखना तो चाहते हों पर ज्यादा चलना फिरना आपके लिए कष्टकारी हो तो यहाँ के रोप वे (Rope Way) का इस्तेमाल करें।

हमारे पास नंदन कानन में व्यतीत करने के लिए तीन घंटे का ही समय था जो कि इसे पूरी तरह देखने के लिए अपर्याप्त है। इसलिए बिना ज्यादा समय नष्ट किए हम पहले सफेद बाघ के बाड़े की ओर ही चल पड़े। नंदन कानन में आज ३० से ऊपर सफेद बाघ हैं जिनका रूप आप को सहज ही आकर्षित करता है


जहाँ बाघ अपनी गुर्राहट से जंगल की शांति में खलल डाल रहे थे वहीं ये जनाब घास के बीचों बीच सुस्ताते दिखाई दिए

फिर रोपवे की ओर बढ़े तो ये हाथी मिल कर अभिवादन करने लगे।

और जिन विदेशी घुमंतु पक्षियों (Migratory Birds) की तालाश हम चिलका में कर रहे थे वो आखिरकार यहाँ देखने को मिलीं

रोपवे से जंगल की विशालता तो दिखती है पर इतनी ऊपर से आप उसे महसूस नहीं कर पाते जैसा कि नेचर ट्रेल में हमने पेरियार में किया था। रोप वे (Rope Way) से दिखती ये सहमी शांत सी झील