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सोमवार, 3 दिसंबर 2012

आइए चलें गढ़वाल हिमालय की गंगोत्री समूह की चोटियों की सैर पर!

कानाताल में बिताया गया तीसरा दिन सुबह से ही काफी व्यस्त रहा। सवा तीन किमी की मार्निंग वॉक और नाश्ते को निबटाने के बाद हम टिहरी बाँध (Tehri Dam) गए और फिर वहाँ से लौटकर दोपहर में धनौल्टी (Dhanaulti) होते हुए मसूरी के लिए निकल गए।  कानाताल, टिहरी और फिर धनौल्टी जाते समय हमें गढ़वाल हिमालय की अलग अलग चोटियों के दर्शन हुए। इसमें वो चोटी भी शामिल थी जिसे पहचानने के लिए एक प्रश्न आपसे मैंने पिछली पोस्ट में पूछा था। जैसा कि आपको पिछली पोस्ट में बताया था कि मैंने इन चोटियों का नाम पता करने के लिए नेट पर उपलब्ध नक़्शों और चित्रों की मदद ली। दो तीन रातों की मेहनत से मैं अपने कैमरे द्वारा खींचे अधिकांश चित्रों में दिख रही चोटियों को पहचान सका। सच पूछिए तो जैसे जैसे ये अबूझ पहेली परत दर परत खुल रही थी, मन आनंदित हुए बिना नहीं रह पा रहा था।  तो चलिए आज की पोस्ट में आपको ले चलता हूँ गढ़वाल हिमालय  की गंगोत्री समूह की चोटियों के अवलोकन पर ।

कानाताल (Kanatal) के क्लब महिंद्रा रिसार्ट के ठीक सामने जंगल के बीच से जाता ट्रेकिंग मार्ग है। जैसे ही आप जंगलों के बीच चलना शुरु करते हैं लंबे वृक्षों के बीच से गढ़वाल हिमालय की चोटियाँ दिखने लगती हैं। पर घने जंगलों की वजह से आपको क़ैमरे में क़ैद करने के लिए करीब सवा किमी तक चलना पड़ता है। इस जगह पर सामने कोई वृक्ष नहीं हैं। कानाताल से सबसे पहले जिस पर्वत चोटी का दीदार होता है उसका नाम है बंदरपूँछ ! वैसे लोग कहते हैं कि बंदर की पूँछ के आकार का होने के कारण इसका ये नाम पड़ा।  मुझे तो इस चोटी के ऊपरी स्वरूप को देखकर ऐसा नहीं लगा पर वो कहते हैं ना कि सही पहचान करने के लिए वो नज़र होनी चाहिए जो शायद विधाता ने मुझे नहीं बख्शी।:)
 तीन चोटियों के ऊपर गर्व से आसन जमाए बैठी बंदरपूँछ की जुड़वाँ चोटियाँ

मंगलवार, 27 नवंबर 2012

चित्र पहेली 21 : क्या आप हिमालय प्रेमी हैं? तो फिर पहचानिए इस चोटी को !

हिल स्टेशन तो हम सभी कभी ना कभी जाते ही रहते हैं। किसी भी पर्वतीय स्थल में जाइए वहाँ आपको देखने की जगहों की सूची में भांति भांति के View Points जरूर मिल जाते हैं। कम ऊँचाई वाली जगहों में अक्सर इन विशेष बिंदुओं से उस जगह का सूर्योदय (Sunrise Point) या सूर्यास्त (Sunset Point) देखा जा सकता है। 

पर ज्यादा ऊँचाई वाले पर्वतीय स्थलों में हमारी रुचि सूर्योदय या सूर्यास्त देखने के आलावा हिमआच्छादित पर्वतीय शिखरों को देखने की भी होती है। और अगर आपकी जानकारी इतनी हो कि आप बर्फ से ढकी इन चोटियों को देख कर ही पहचान लें तो बात ही क्या ! वैसे हिमालय पर्वत श्रृंखला से सबसे करीबी सामना तो उत्तरी सिक्किम की ओर जाते वक़्त हुआ था। पर पर्वतीय चोटियों को पहचानने का चस्का पिछले साल कौसानी जाने पर हुआ। इसलिए पिछले महिने जब Blogger's Conference के सिलसिले में   मसूरी के निकट कानाताल गया तो इस बार भी ये कोशिश जारी रही। कानाताल (Kanatal) और फिर टिहरी ( Tihri) जाते वक़्त चोटियाँ तो खूब दिखीं पर उनके नाम जानने में ज्यादा सफलता हाथ नहीं लगी। कई बार तो स्थानीय लोगों ने एक ही चोटी के अलग अलग नाम बता कर और संशय में डाल दिया।

ख़ैर मैंने चित्र खूब खींचे और वापस लौटकर नेट पर छानबीन की तो एक एक कर सारे खींचे चित्रों में दिख रहे पर्वत शिखरों के नाम के पीछे से पर्दा उठता गया। 

गढ़वाल हिमालय की इन खूबसूरत चोटियों के बारे में तो अगली पोस्ट में आप सबको विस्तार से बताऊँगा पर यदि आप अपने आप को हिमालय प्रेमी मानते हों तो ज़रा ये तो बताइए कि नीचे दिख रहे तीखी ढाल और घुमावदार आकार वाले शिखर का नाम क्या है ? विस्तार से उत्तर जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।


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