मलयालम में केरा (Kera) का मतलब होता है नारियल का वृक्ष और अलयम (Alayam) मतलब जमीन या देश। ऍसा कहा जाता है कि केरलयम ही समय के साथ केरल में बदल गया। यूँ तो नारियल के पेड़ पूरी यात्रा में हमेशा दिखाई देते रहे पर कोट्टायम (Kottayam) के बैकवाटर्स में ये जिस रूप में हमारे सामने आए वो बेहद खूबसूरत था।
जैसा कि मैंने आपको बताया था कि लोग केरल के बैकवाटर्स का आनंद लेने कुमारकोम जाते हैं जो कि कोट्टायम शहर से करीब १६ किमी है। पर यही काम आप काफी कम कीमत में कोट्टायम शहर में रहकर भी कर सकते हैं। पूरे कोट्टायम जिले में नदियों और नहरों का जाल है जो आपस में मिलकर वेम्बनाड झील (Vembanad lake) में मिलती हैं।
थोड़ी दूर आगे बढ़ते ही नहर के दोनों किनारों पर नारियल के पेड़ों की श्रृंखला नज़र आने लगी। बीच बीच में नहर को पार करने के लिए पुल बने थे जिन्हें मोटरबोट के आने से उठा लिया जाता था। पहले आधे घंटे तक नहर की चौड़ाई संकरी ही रही। पानी की सतह के ऊपर जलकुंभी के फैल जाने की वजह से मोटरबोट को बीच-बीच में रुक-रुक के चलना पड़ रहा था। नहर के दोनों ओर ग्रामीणों के पक्के साफ-सुथरे घर नज़र आ रहे थे। बस्तियाँ खत्म हुईं तो ऍसा लगा कि हम वाकई धान के देश में आ गए हैं। दूर दूर तक फैले धान के खेत अपनी हरियाली से मन को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। किनारे-किनारे प्रहरी के रूप में खड़े हुए नारियल के पेड़ और खेतों में मँडराते सफेद बगुलों और अन्य पक्षियों के झुंड ऐसा दृश्य उपस्थित करते हें कि बस आपके पास टकटकी लगा कर देखने के आलावा कुछ नहीं बचता।
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