कारों का मुझे कभी ऐसा शौक़ नहीं रहा। ये जरूर था कि इंजीनियरिंग में इंजन और आटोमोबाइल से जुड़े तकनीकी विषय बेहद भाते थे। तब ना घर में कार हुआ करती थी और ना ही कभी कॉलेज के दिनों में इच्छा हुई कि किसी दूसरे से कार माँग के थोड़ा गाड़ी चलाने में हाथ साफ कर लिया जाए। लिहाजा गाड़ी चलाने के मामले में तब व्यावहारिक ज्ञान बिल्कुल नहीं था।
ऐसे में एक बारआटोमोबाइल कंपनी के साक्षात्कर में इसे अपना पसंदीदा विषय बताने की मैं गलती कर बैठा। नब्बे के उस दशक में मारुति देश में छाई हुई थी। साक्षात्कार लेने वाले ने प्रश्न रूपी पहला गोला ये दागा कि मारुति में इस्तेमाल होने वाले ब्रेकिंग सिस्टम को कागज पर बना कर समझाओ। अब मारुति चलाना तो दूर, तब तक उसके अंदर बैठने का भी मौका नहीं मिला था सो इस पहले बाउंसर पर ही हिट विकेट हो गए। वो अलग बात है कि ज़िंदगी की पहली नौकरी बाद में आटोमोबाइल सेक्टर में ही मिली।
फेरारी संग्रहालय के स्वागत कक्ष से आप सबको मेरा प्रणाम |
अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि आख़िर ये किस्सा आपको मैंने क्यों सुनाया तो वो इसलिए कि जब मैं अपनी यूरोप यात्रा में इटली का कार्यक्रम बना रहा था तो सपने में भी ये नहीं सोचा था कि इस देश की यात्रा की शुरुआत किसी विश्व प्रसिद्ध रेसिंग कार को समर्पित एक संग्रहालय से होगी। दरअसल स्विट्ज़रलैंड के पहाड़ों की खूबसूरती नापने के बाद हमें जाना तो पीसा था पर इस लंबी दूरी को तय करने के लिए भोजन विराम लेना जरूरी था। जब यात्रा संचालक ने फेरारी के इस म्यूजियम की चर्चा की तो लगा कि रास्ते में पड़नेवाले इस संग्रहालय को देखने में भी कोई बुराई नहीं।
बेलिंजोना से मेडोना तक के रास्ते का मानचित्र |
अपनी इटली यात्रा शुरु करने से एक रात पहले हम स्विटज़रलैंड के दक्षिणी कस्बे बेलिंजोना में रुके थे। बेलिंजोना कहने को स्विटज़रलैंड में है पर आज भी वहाँ निवास करने वाले अस्सी प्रतिशत से ज्यादा लोगों की भाषा इटालियन है। इतिहास के पन्नों को पलटा तो पाया कि यहाँ रोमन साम्राज्य से लेकर नेपोलियन तक की धमक रह चुकी थी। वहाँ की सम्मिलित संस्कृति का का एक और नमूना तब दिखा जब मैं एल्पस की तलहटी पर बसे इस कस्बे में रात को तफरीह पर निकला। सामने की इमारत पर Marche लिखा हुआ था। अंदर गए तो समझ आया कि ये तो छोटा सा बाजार है। बाद में मालूम हुआ कि Marche एक फ्रेंच शब्द है जिसका अर्थ ही बाजार है।
बहरहाल अगली सुबह सवा आठ बजे हमारा कारवाँ इटली के सफ़र पर था। सीमा से हम साठ किमी की दूरी पर थे। स्विटरज़रलैंड के पहाड़ी हरे भरे रास्ते ने कुछ दूर साथ दिया और फिर सड़क के दोनों ओर समतल मैदान आ गए। पश्चिमी यूरोप में एक देश से दूसरे देश जाने में कोई व्यक्तिगत चेकिंग नहीं होती पर सीमा पर गाड़ी और टूर आपरेटर के कागजात की जरूर जाँच होती है।
स्विटज़रलैंड और इटली की सीमा पर इटली की पुलिस |
बेलिंजोना से हमने जो राजमार्ग पकड़ा था वो इटली के महानगर मिलान के बगल से होते हुए बोलोनी चला जाता है पर हमें बोलोनी से कुछ पहले ही दाँयी ओर मॉडेना की राह पकड़नी थी । लगभग तीन सौ किमी की इस यात्रा में तीन साढ़े तीन घंटे का वक़्त लगता है।
मिलान से होता हुआ ये राजमार्ग बोलोनी तक जाता है |
मॉडेना और मारानेल्लो फेरारी कार के जन्म स्थान रहे हैं और इन दोनों जगहों पर कंपनी ने इस ब्रांड से जुड़ी रेसिंग कारों के लिए संग्रहालय बनाए हैं जो ना केवल पिछले सत्तर सालों से कारों के आकार प्रकार और तकनीक में हुए बदलाव की जानकारी देते हैं बल्कि साथ साथ इन कारों को रेसिंग ट्रैक पर विजय देने वाले उन महारथी चालकों के योगदान को भी उल्लेखित करते हैं। फेरारी की कार देखते देखते किशोर दा का गाया वो गाना याद आ जाता है कि ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा..। यहाँ रखी अधिकांश कारें इस रंग से तो रँगी ही हैं साथ ही इसके परिसर तक पहुँचाने वाली सड़क भी हमें लाल लाल फूलों से सजी मिलीं।