फुकेट से चलकर हम लोग फी फी द्वीप पर दोपहर बारह बजे के आस पास पहुँच चुके थे। अगले चार घंटे हमें इस द्वीप में ही गुजारने थे़। फी फी समूह के द्वीपों में दो द्वीप प्रमुख हैं। जिस द्वीप पर हम पहुँचे उसका नाम है फी फी डॉन (Phi Phi Don) जो कि यहाँ का सबसे बड़ा द्वीप है। इसी से सटे एक छोटा सा द्वीप और है जिसे फी फी ले कहा जाता है। दोनों द्वीपों के समुद्र तट बेहद सुंदर हैं और साथ ही कुछ जगहों पर Snorkelling भी करवाई जाती है। पर हमारे समूह ने पहले से ही ठान लिया था कि फी फी में अपना सारा समय इधर उधर ना जा कर समुद्र स्नान में बिताना है।
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इसी जहाज पर सफ़र कर हम आए थे फी फी |
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फी फी की स्वच्छ एवम् सुंदर जेटी जिसने अपनी पहली झलक दिखला कर ही मन मोह लिया। |
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वैसे फी फी का ये द्वीप प्रशासकीय तौर पर फुकेट का नहीं बल्कि क्राबी, थाइलैंड का हिस्सा है |
फी फी डॉन का अगर कोई ऊपर से लिया चित्र आप देखेंगे तो आपको दो चंद्राकार तटों के बीच पतली सी ज़मीन की पट्टी दिखाई देगी। जिस तरफ नावों और जहाज के ठहरने के लिए जेटी है उस हिस्से की तरफ से हम वहाँ पहुँचे थे। उसके ठीक दूसरी तरफ़ समुद्री तट का वो हिस्सा है जो अपेक्षाकृत छिछला है और समुद्र स्नान के लिए सर्वथा उपयुक्त है।
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कतार में लगी नावें, नारियल के वृक्ष और पहाड़ियाँ....... |
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.........फी फी डॉन आपका इसी दृश्य से स्वागत करता है |
इन दोनों हिस्सों के बीच की पट्टी पर दुकानों की कतारें हैं और कुछ होटल भी। सात साल पहले आई सुनामी में ये द्वीप भी तबाह हुआ था। पर अब ये पूरी तरह से बस चुका है। सरकार ने होटलों और दुकानों की संक्या को सीमित रखा है और यही वज़ह है कि इस इलाके की अकूत नैसर्गिक सुंदरता पर पर्यटन का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है।
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जेटी से समुद्र तट के बीच का रंग बिरंगा बाजार |
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लो आ गए हम इस नयनाभिराम समुद्र तट पर ! |
फी फी का समुद्र तट एक बेहद सुंदर समुद्र तट है। अगर भारत की बात करें तो अंडमान का राधानगर का समुद्र तट इसके आस पास ठहर सकता है। तट के पास का पानी हरे रंग का दिखता है पर थोड़ी दूर पर ये रंग बदलते बदलते गहरा नीला हो जाता है। छोटी छोटी पहाड़ियों से घिरा होने के कारण यहाँ ऊँची ऊँची लहरें भी नहीं उठती पर जैसे जैसे आप समुद्र में आगे बढ़ते हैं पानी छाती और फिर गर्दन तक पहुँच जाता है।
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नीले में गर घोला जाए हरा बेहिसाब फिर नशा जो हो तैयार........... |
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................... वो फी फी डॉन है :) |
मज़े की बात ये थी कि इतने सारे जहाजों के वहाँ होने के बाद भी समुद्र तट पर कोई भीड़ भाड़ नहीं थी। ज्यादातर विदेशी समुद्र में नहाने के बजाए सूर्य स्नान में व्यस्त थे। नीला आसमान, चमकदार धूप, हरी भरी पहाड़ियाँ और समुद्र तट से लगे नारियल के वृक्ष और फिर हरा नीला रंग लिए समुद्र का मनमोहक पारदर्शक जल.. अब इन सबके सामने रहते कौन डुबकी लगाने में ज़रा सी भी देर करेगा। सो हम लोगों ने भी घंटे दो घंटे समुद्र में जमकर मस्ती की।
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पानी में छप छपा छई.. |
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वैसे आप क्या पसंद करेंगे सूर्य स्नान या समुद्र स्नान :) |
रोमांच को और बढ़ाना हो तो तट पर पैरा सेलिंग (Para sailing) की भी व्यवस्था थी। पैरा सेलिंग में पैराशूट का एक सिरा मोटरबोट से बँधा होता है । मोटरबोट पूरी गति से आगे बढ़ती है और दुसरे सिरे पर पैराशूट पर चढ़ा व्यक्ति आसमान से बातें करता दिखाई पड़ता है।
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ऊपर जाने की इतनी जल्दी मुझे तो नहीं थी :) |
देर तक समुद्र में नहाने के बाद सब थोड़ी थकान महसूस कर रहे थे। जेटी के पास के एक होटल में भोजन की व्यवस्था थी। भोजन उसी तरह का था जैसा हमें
Koh Panyee में मिला था। भोजन करने के बाद भी फी फी से वापस फुकेट की यात्रा शुरु करनी थी। सच कहूँ तो इतने रमणीक स्थान से विदा लेने का ज़रा सा भी मन नहीं कर रहा था।
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अलविदा फी फी ! कैसे भूल पाएँगे तुम्हें ? |
अगली सुबह हमें फुकेट से बैंकाक को कूच करना था। अगली पोस्ट में आपको दिखाऊँगा आसमान से लिए हुए फुकेट के कुछ यादगार नज़ारे...
थाइलैंड की इस श्रंखला में अब तक
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