मंगलवार, 12 जुलाई 2011

विश्व की सबसे चर्चित हेयरपिन बेंड्स (Hairpin Bends) वाली घुमावदार सड़कें !

पिछले हफ्ते आपसे एक सवाल पूछा था पहाड़ पर बने एक सौ अस्सी डिग्री के घुमाव वाले रास्ते के बारे में। अंग्रेजी में ऍसे घुमावों को हेयरपिन बेंड (Hairpin Bend)  कहते हैं क्यूँकि इनका आकार महिलाओं के केश विन्यास में काम आने वाले हेयरपिन सरीखा  होता है। आज की इस प्रविष्टि में आपसे किए गए सवाल के बारे में तो बात होगी ही साथ ही आपको  ले चलेंगे संसार के सबसे मशहूर Hairpin Bends की सैर पर।
ऊँचे पर्वतीय रास्तों पर एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ को लाँघने के लिए कई दर्रों से होकर गुजरना पड़ता है। अब अगर इन रास्तों की ढाल बढ़ा दी जाए तो भारी और मालवाहक वाहनों के घुमावों पर लुढ़कने की संभावना बढ़ जाती है। इस ढाल को सीमा के अंदर लाने में Hairpin Bends बड़े मददगार होते हैं। Hairpin Bends जहाँ एक ओर दुर्घटना की संभावनाओं को घटाते हैं वहीं दूसरी ओर इनके चलते रास्ते की लंबाई कई गुना बढ़ जाती है।
मनाली लेह रोड जिसे दुनिया के सबसे दुर्गम रास्तों में एक माना जाता है, में भी एक ऐसा ही हेयरपिन बेंड है। मनाली से केलोंग होते हुए जब पर्यटक हिमाचल की सीमा के पास पहुँचते हैं तो सरचू के पठारी मैदान आपका स्वागत करते हैं। सरचू से थोड़ा आगे जाने पर Tsarap नदी मिलती है। इस नदी को पार करते ही अचानक ही एकदम से चढ़ाई आ जाती है और मुसाफ़िरों का सामना होता है 21 चक्करों वाले इस हेयरपिन बेंड से ,जिसे गाटा लूप्स (Gata Loops) के नाम से जाना जाता है। सात किमी लंबे इस लूप के चक्कर काटने में साइकिल व बाइक सवारों के पसीने छूट जाते हैं। गाटा लूप्स को शुरुआत से अंत तक पूरा करते ही आप दो हजार फीट ऊपर आ जाते हैं और पांग की ओर निकल जाते हैं। गाटा लूप्स के ऊपर से तसरप नदी घाटी और  इन घुमावदार सर्पीली लकीरों को देखना कितना अविस्मरणीय अनुभव हो सकता है वो आप  कृष्णनेन्दु सरकार के खींचे हुए इस चित्र को देखकर ही समझ सकते हैं।

ये तो हुई गाटा लूप्स की बात। दक्षिण पूर्वी नार्वे में Lysebotn Road में भी 27 हेयरपिन बेंड हैं। गाटा लूप्स के विपरीत ये बेंड आपको नीचे और नीचे ले जाते हैं। पतली सी सड़क पर 34 किमी का ये सफर तब रोंगटे खड़ा कर देने वाला हो जाता है जब सामने से अचानक बस या लॉरी आपके सामने आ जाए। रोड के अंतिम सिरे पर की सुरंग तीन सौ साठ डिग्री का चक्कर लगा कर घाटी के निचले हिस्से में ला कर छोड़ देती है।

उत्तर पश्चिमी यूरोप से ले चलते हैं आपको मध्य यूरोप में जहाँ आल्पस पर्वत अपने अंदर ऐसे कई हेयरपिन बेंड समाहित किए हुए है। स्विस आल्पस (Swiss Alps) में ऐसी एक सड़क है जो ओबेरआल्प पास तक जाती है। जाड़े के दिनों में 2044 मीटर की ऊंचाई तक जाती ये सड़क बंद रहती है। पर गर्मियों की हरियाली में इसका नज़ारा देखते ही बनता है।


फ्रांस मे फैले आल्पस पर्वत में भी ऐसे घुमावों वाली कई सड़के हैं। 1244 मीटर की ऊँचाई चढ़ने के लिए  Col de Turini पर 34 किमी की यात्रा कर लोग 363 मीटर की ऊँचाई से 1607 मीटर तक पहुँच पाते हैं। मान्टेकार्लो कार रैली के लिए इसी सड़क का इस्तेमाल होता है। वहीं Col de Braus को दुनिया की सबसे आकर्षक सड़कों में एक माना जाता है। यहाँ के हेयरपिन घुमाव साइकिल दौड़ाकों के लिए  बड़ी चुनौती माने जाते हैं। एक नज़ारा आप भी देखिए



पर घुमावों की संख्या में इन सब को मात देता है इटालियन आल्पस का 'स्टेलविओ पास' (Stelvio Pass)। कुल मिलाकार साठ हेयरपिन घुमावों वाला ये दर्रा यूरोप में आल्पस पर्वत का सबसे ऊँचा पास है।  2758 मीटर ऊँचे इस दर्रे पर जाती सड़क को 1820-1825 ई में आस्ट्रियाई शासकों ने बनाया था। प्रथम विश्व युद्ध के पहले तक जब इटालवी सीमाओं का विस्तार नहीं हुआ था तब ये इलाका स्विस,आस्ट्रिया और इतालवी सीमाओं को एक दूसरे से अलग करता था । ये पहाड़ी दर्रे कई इतालवी और अस्ट्रियाई सेनाओं के आपसी संघर्ष के साक्षी रहे हैं। आज 'स्टेलविओ पास' अपनी दुरुहता की वज़ह से साहसी साइकिल, बाइक व मोटर चालकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती की तरह है।


 पर हेयरपिन बेंड से सजी ये सड़कें सिर्फ यूरोप में हों ऐसा भी नहीं है। एशिया में भारत के आलावा चीन व जापान में भी ऐसी सड़कें हैं। पर उससे कहीं जबरदस्त दक्षिण अमेरिका के एंडीज पर्वत पर बनी एक सड़क है जो चिली और अर्जेंटीना को जोड़ती है। वैसे तो चिली व अर्जेंटीना के बीच के पाँच हजार मील की लंबी सीमा है और उसमें कई दर्रे हैं पर इन सबमें सबसे ज्यादा मशहूर  Los Caracoles यानि स्नेल पॉस है। अर्जेंटीना की तरफ ये सड़क एक आम पर्वतीय सड़क की तरह है जो 3,175 मीटर की ऊँचाई पर एक सुरंग में जा मिलती है। इस सुरंग का आधा भाग चिली व आधा अर्जेंटीना में पड़ता है। पर सुरंग से बाहर आते ही चिली के इलाके में ये सड़क तेजी से नीचे की ओर एक सीध में बने कई हेयरपिन बेंड्स के  रूप में उतरती है। ऊपर से देखने पर इस पर चलते ट्रक घोंघों की तरह खिसकते नज़र आते हैं इसीलिए इसे  Snail Pass भी कहा जाता है।


तो अब बताइए जनाब इन सड़कों में किस पर विचरण करने का इरादा है आपका...

सोमवार, 4 जुलाई 2011

चित्र पहेली 18 : क्या आपने कभी लगाए हैं सड़क पर 180 डिग्री के इतने चक्कर?

गर्मी की छुट्टियों में पहाड़ों पर जाने की चाहत किसे नहीं होती?  शहर की चिल्ल पों से दूर पहाड़ों का शांत स्निग्ध हरा भरा वातावरण किसी भी प्रकृतिप्रेमी को अपनी ओर हमेशा से खींचता रहा है। पर पहाड़ों पर जाने से कुछ लोग हिचकिचाते भी हैं, खासकर वो जिन्हें घुमावदार रास्तों में सिर दर्द और वमन की शिकायत हो। पर अगर पहाड़ों का आनंद लेना है तो इसे बर्दाश्त करने के अलावा कोई चारा भी नहीं है। वैसे कई पर्वतीय स्थलों पर घुमावदार रास्तों से ज्यादा तकलीफ़ नहीं होती क्यूँकि वहाँ घुमावों का का टर्निंग रेडियस ज्यादा होता है। पर कभी कभी जब सड़क एक सौ अस्सी डिग्री का घुमाव लेती हो तो चलाने वालों और सफ़र करने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ जाती है।

मुझे याद आता है देहरादून से मसूरी जाते वक़्त दो तीन जगह ऐसे ही घुमाव मिलते थे ।पर ज़रा सोचिए अगर एकदम से ऊँचाई प्राप्त करने के लिए आपको एक सौ अस्सी डिग्री के इतने सारे चक्कर लगाने पड़े तो क्या आपकी एवोमीन काम करेगी?। आज की चित्र पहेली आपको ऐसी ही एक सड़क का चित्र दिखा रही है जो पाँच सौ मीटर की ऊँचाई पाप्त करने के लिए कई बार घूमती है। आज की इस चित्र पहेली नें आपको बताना है कि ये जगह किस नाम से मशहूर है और नीचे बहती नदी का क्या नाम है ?

(इस चित्र के छायाकार का नाम उत्तर के साथ बताया जाएगा।)
जिन्होंने इस रास्ते से सफ़र किया होगा वो तो सहजता से ये बता पाएँगे। आपके जवाब माडरेशन में रखे जाएँगे। अगली पोस्ट में आपके उत्तर के साथ ऍसी ही कुछ दिलचस्प सड़कों की बात करेंगे। तब तक आपको छोड़ते हैं इस चित्र पहेली के चक्करों में...

पुनःश्च  : सही जवाब दिया गजेन्द्र सिंह जी ने। सबसे पहले और प्रश्न के दोनों भागों का एकदम सही उत्तर बताने के लिए आपको हार्दिक बधाई़ !