सफारी वर्ल्ड के इस सफर की पिछली कड़ी में आपने पंक्षियों के संसार की एक झलक पाई। आज बात उन जंगली जानवरों की जिनसे हम अपनी इस यात्रा में कुछ फुट की दूरी तक पहुँच गए। जिराफ़ के तो इतने करीब कि वो आपनी लंबी जीभ तक आपके हाथों मे छुला दे।
तो आइए देखें बैंकॉक के सफारी पार्क का ये रूप आज की इस झांकी में..
Main Gate of Safari Park ये है सफारी पार्क का मुख्य द्वार |
आप थाइलैंड के किसी भी पार्क में जाइए हाथी के बिना उनकी कोई साज सज्जा
पूरी नहीं होती। पार्क के मुख्य परिसर में टिकट लेने के बाद देश विदेश के
अन्य यात्रियों के साथ आपको एक मिनी वैन मैं बैठा दिया जाता है। पार्क के
टेढ़े मेरे रास्तों से गुजरने के बाद आप उस हिस्से में पहुँचते हैं जहाँ
वनराज का वास है।
पार्क के इस हिस्से को बाकी के खुले हिस्से से अलग रखा
गया है। इस हिस्से में घुसने के लिए एक यंत्रचालित गेट हैं जो ये सुनिश्चित
करता है कि परिसर के अंदर गाड़ियों की संख्या एक सीमा से ज्यादा ना हो जाए।
हमारी वैन के बाहर कोई जाली नहीं है। बस एक शीशे की दीवार है। मन में सुरक्षा को लेकर थोड़ी शंका है पर वो अगले कुछ पलों में ही निर्मूल साबित होती है। हमें बताया
जाता है कि कुछ ही देर बाद महाराजाधिराज की झलक मिलने ही वाली है।
The Lion King वनराज सिंह |
हमें शेर अपने परिवार के साथ दिखाई पड़ता है। हमारी गाड़ी उससे करीब दस मीटर के फासले पर रुकती है पर उसका ध्यान शेरनी पर ही केंद्रित है। आपस में दौड़ भाग में व्यस्त उसका ध्यान हमारे समूह पर नहीं जाता। भाग दौड़ के बाद वो वापस आ कर सुस्ताने लगता है हमें फोटो खींचने का मौका देता हुआ।
Tiger in all its glory ..बाघ की सुंदरता की बात ही क्या ! |
कुछ किमी आगे बाघों का इलाका शुरु होता है। एक मचान पर दो बाघ दिन की धूप से अपने आपको बचाते उँघते दिखाई पड़ते हैं। उनका एक साथी पानी के पास धूनी रमाए बैठा है। उसकी नज़रें हमारे समूह से टकराती हैं। पर वो ये अच्छी तरह जानता है ये तो रोज़ के मुसाफ़िर हैं जिससे उसकी ज़िंदगी में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। इसलिए वो तुरंत ही मुंह फेर लेता है ।