जब भी भारत के पश्चिमी समुद्रतटों की चर्चा चलती है तो सबसे पहले गोवा के सुंदर तटों का ख्याल आता है। पर गोवा से उत्तर दक्षिणी महाराष्ट् में भी कई खूबसूरत समुद्र तट मौजूद हैं और गणपतिपुले इनमें से एक है। महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में स्थित गणपतिपुले एक छोटा सा गाँव था जो अब सैलानियों और उनकी आवाभगत में बने होटलों और रिसार्ट्स की वज़ह से अब एक कस्बे में तब्दील हो चुका है।
महाराष्ट में इसके पहले मैं सिर्फ मुंबई और पुणे ही मुख्यतः देख पाया था। गोवा की यात्रा भी पहले हो चुकी थी। उस साल अक्टूबर की छुट्टियों में मुंबई के पहले आने वाले कस्बे अंबरनाथ में एक रिश्तेदार के यहाँ मेल मुलाकात के लिहाज़ से जाना था। तो उसके बाद दक्षिणी महाराष्ट्र जाने की योजना बन गई। हमलोग सपरिवार सड़क मार्ग से अम्बरनाथ से गणपतिपुले के लिए चल पड़े। मुंबई और पुणे से गणपतिपुले के समुद्र तट की दूरी क्रमशः 375 और 331 किमी है। वैसे कोंकण रेलवे से रत्नागिरी तक आया जा सकता है जो गणपतिपुले से मात्र पच्चीस किमी की दूरी पर है।
अम्बरनाथ से नौ बजे सुबह हमारा कुनबा निकल लिया। राष्ट्रीय राजमार्ग 66 से होते हुए हमें चार सौ से कुछ ज्यादा किमी की दूरी तय करने में साढ़े नौ घंटे लग गए। उसमें दिन में एक घंटे का लिया गया भोजन अवकाश शामिल था। गणपतिपुले में यूँ तो ठहरने के लिए समुद्र तट के बगल में बना MTDC का गेस्ट हाउस सबसे बढ़िया है पर वहाँ आरक्षण ना मिलने की वज़ह से हमने तट की ओर जाती सड़क पर स्थित होटल दुर्वांकुर में रात बिताई। दुर्वांकुर (Hotel Durvankur) एक बजट होटल है। समुद्र तट से पास भी है। हमें एक रात ही वहाँ रहना था और साफ सफाई और तट से निकटता की वजह से हमें वो पसंद भी आया।