लंदन से हमारा काफिला तेजी से इंग्लेंड के हार्विच बंदरगाह की ओर बढ़ रहा था। सरसों के जिन पौधों की खूबसूरत झलक आपने पिछली पोस्ट में देखी थी वो अब कई किलोमीटर तक फैली हुई दिख रही थी। इन हरे भरे नज़ारों के बीच हार्विच से लंदन की 85 मील की दूरी दो घंटों में कैसे बीत गयी ये पता ही नहीं चला। दरअसल हार्विच से हमें पानी के जहाज से हालैंड का रुख करना था।
मुझे बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि ये जहाज किस तरह का होगा। बंदरगाह के बाहर हमारी बस एक बहुमंजिली इमारत के पास रुकी। सामने एक बड़ी सी लिफ्ट दिखाई दे रही थी जिससे सामान सहित ऊपर की ओर जाना था। एयरपोर्ट जैसी ट्रालियाँ यहाँ भी थीं पर उनका आकार बड़ा था। लंदन से चली अपनी बस और उसके अक्खड़ ड्राइवर को हमें यहीं अलविदा कह देना था। हमारा सामान दो या तीन तल्ले ऊपर गया। अंदर एयरपोर्ट जैसी चमक दमक तो नहीं थी पर सारे क़ायदे कानून वैसे ही थे।
हालैंड की हरियाली की बात ही कुछ और है |
एक बात और ! अब तक हमारा समूह यूके के वीज़ा पर लंदन घूम रहा था।
इंग्लैंड के बाहर यूरोप में शेंगेन वीज़ा लागू हो जाता है। शेंगेन वीज़ा यूरोप के 26 देशों में लागू होता है। यूरोपियन यूनियन के देशों में सिर्फ ब्रिटेन और नार्थन आयरलैंड ही ऐसे हैं जो इसकी परिधि से बाहर हैं। घुमक्कड़ों के लिए ये वीज़ा वरदान की तरह हैं। एक बार ये वीज़ा आपके हाथ आ गया तो इन देशों के अंदर कहीं से कहीं चले जाएँ कोई पूछताछ करने वाला नहीं है। मैं शेंगन वीज़ा के साथ यूरोप के करीब छः सात देशों से गुजरा पर दो हफ्तों में कहीं भी हमारे कागजात जाँचने कोई नहीं आया। पर इतनी आसानी से जब आप एक देश से दूसरे देश में विचर रहे होते हैं तो ये फील ही नहीं आती कि अपन एक देश आज पार कर आए हैं।
स्टेना लाइन विश्व की बड़ी फेरी कंपनियों में से एक |
चूंकि हम ब्रिटेन से शेंगेन वीज़ा वाले देश हालैंड में प्रवेश कर रहे थे
हमें बंदरगाह पर सबसे पहले अप्रवासन जाँच से गुजरना पड़ा। जहाज का टिकट लेने
की प्रक्रिया फिर हू-बहू हवाई अड्डे वाली थी। यानि सुरक्षा जाँच, बैगेज
चेक और फिर बोर्डिंग पास के साथ सिर्फ हैंड बेगेज कमरे तक ले जाने का
प्रावधान। ।
जब हम बोर्डिंग पास लेकर अंदर अंदर जहाज तक पहुँचे तब समझ आया कि हम जहाज क्या पूरी सुख सुविधाओं से लैस एक बहुमंजिला इमारत में एक दिन के किरायेदार बनने वाले हैं। हमारे इस विशाल जहाज की कंपनी का नाम स्टेना लाइन था। स्टेना लाइन विश्व की सबसे बड़ी फेरी कंपनियों में एक है। स्कैंडेनेविया से लेकर उत्तर और बाल्टिक सागर तक ये कंपनी अपने चौंतीस जहाजों के साथ बाइस मार्गों पर चलती है। गर पहले से टिकट करा लें आप इसमें सौ पौंड से भी कम कीमत में इंग्लैंड से हालैंड पहुँच सकते हैं।
स्टेना लाइन का डाइनिंग हॉल |
जहाज के अंदर कदम रखने के बाद तो ये लगा कि हम पानी के जहाज पर नहीं बल्कि
होटल में हैं। कहीं रेस्ट्राँ, कहीं स्वीमिंग पूल, कहीं खेल कूद के कक्ष।
पर दिन भर की थकान के बाद हमारे क़दम सिर्फ एक दिशा में बढ़ना चाह रहे थे और
वो थे पेट पूजा के। अब अगर हालैंड के रास्ते में चावल और पकौड़े मिलें तो
अपना देशी उदर कब पीछे हटने वाला था।
लगती है ना होटल की लॉबी ! |
जहाज़ पर रहने के लिए कई तलों में कमरे बने हुए थे। गलियारा तो इतना लंबा कि उसका दूसरा छोर दिखाई ना दे। कमरा ट्रेन के एसी वन के कोच की तरह जिसमें एक व्यक्ति को सीढ़ी से चढ़ कर ऊपरी बर्थ पर पहुँचना पड़े। ख़ैर अब शरीर में जहाज़की और ज्यादा खोज बीन की ताकत नहीं बची थी सो सीधे चादर तान ली़ ।
मुझे तो ये जहाज़ की ये सीढियाँ इतनी पसंद आयीं कि यहीं आसन जमा लिया |