शायद ही कोई भारतीय हो जिसने रेल पर सफ़र करते वक़्त स्टेशन के प्रतीक्षालय यानि वेटिंग रूम (Waiting Room) का प्रयोग ना किया हो। ट्रेन बदलने में तो प्रतीक्षालय की आवश्यकता होती ही है पर हम भारतीयों को विलंबित ट्रेन की प्रतीक्षा करने का हुनर तो बचपन से ही सिखा दिया जाता है। वैसे अगर जगह मिल जाए तो हमारे देशवासी प्लेटफार्म पर ही समय बिताना श्रेयस्कर समझते हैं। कारण स्पष्ट है। वातानुकूल श्रेणी में यात्रा करने वालों के लिए बने प्रतीक्षालयों को छोड़ दिया जाए तो सामान्य श्रेणी के प्रतीक्षालयों के जो आंतरिक हालात होते हैं उससे बेहतर विकल्प तो खुली हवा से जुड़े प्लेटफार्म पर प्रतीक्षा करना ही है।
जापान में बिताए डेढ़ महिनों में हमने ट्रेन से तो कई छोटी बड़ी यात्राएँ कीं पर कभी वेटिंग रूम की आवश्यकता महसूस नहीं हुई। अव्वल तो ट्रेन के देर से आने का प्रश्न ही नहीं उठता और अगर कोई ट्रेन छूट गई तो उसके बाद वाली ट्रेन मिनटों में हाज़िर हो जाती थी। यही वज़ह है कि जापान में स्टेशनों पर अमूमन बड़े बड़े प्रतीक्षालय नहीं बनाए जाते क्यूँकि उनकी जरूरत ही नहीं पड़ती। जापान के जिन रेलवे स्टेशनो से हम गुजरे वहाँ भारतीय और जापानी प्रतीक्षालयों में एक फर्क और दिखा। वहाँ आप धीमी ट्रेन में सफ़र करें या फिर एक्सप्रेस में प्रतीक्षालय में घुसने के लिए श्रेणियों वाला कोई भेदभाव नहीं है।
शीशे की दीवारों से घिरे ये छोटे वेटिंग रूप वातानुकूलित होते हैं । हिरोशिमा की गर्मी से बचने के लिए पूरे जापान प्रवास में एक बार मुझे इसी वज़ह से प्रतीक्षालय का उपयोग करना पड़ा। प्रतीक्षालय की बात चली है तो साथ साथ आपको जापानी स्टेशनों पर धूम्रपान निषेध के तौर तरीकों के बारे में भी बताता चलूँ।
भारत में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान कानूनी रूप से निषेध हो चुका है फिर भी उसे हमारे यहाँ किस तरह लागू किया जाता है और हम खुद कितने सजग हैं इस गलती को ना करने के प्रति, वो जगज़ाहिर है। पहली बार हम जापानी बुलेट ट्रेन में चढ़े तो कंडक्टर ने घुसते ही प्रश्न किया कि आप में से कितने लोग सिगरेट के शौकीन हैं? कुल लोगों ने हामी भरी तो वो उन्हें अपने पीछे आने का इशारा कर दूसरी बोगी की ओर ले गया। कुछ देर बाद हमारे मित्र लौटे तो उन्होंने बताया कि वो उन्हें ट्रेन में बने स्मोकिंग रूम को दिखाने ले गया था। किसी किसी ट्रेन में तो स्मोकिंग बोगी ही अलग से बना दी गई है। ऐसी ही व्यवस्था जापान के प्लेटफार्मों पर भी है। यानि सिगरेट फूँकिए, अपना फेफड़ा भले जलाइए पर दूसरों की कीमत पर नहीं।
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