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सोमवार, 17 अप्रैल 2017

ब्रसल्स के सबसे लोकप्रिय आकर्षण : Atomium & Town Hall, Brussels

हर देश की अपनी एक पहचान होती है जो विश्व के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों के लिए उस देश का प्रतीक बन जाती है। ज्यादातर ये पहचान चिन्ह इमारतों की शक़्ल में होते हैं। भारत का ताजमहल, चीन की दीवार, मिश्र का पिरामिड, फ्राँस का एफिल टॉवर, इंग्लैंड का बिग बेन ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं। अक्सर  ऐसे प्रतीक इतिहास के पन्नों पर अपना महत्त्वपूर्ण दखल रखते हैं। पर मगर मैं अगर कहूँ कि एक देश ऐसा भी है जिसका प्रतीक विज्ञान से प्रेरित है तो थोड़ी  हैरत तो होगी आपको।


अगर आप बेल्जियम की राजधानी ब्रसल्स में जाएँ तो प्रतीक के तौर पर आपको  दुकानों, बसों, इमारतों  पर आणविक संरचना बनी दिखाई देगी। बेल्जियम वासियों ने इसका नाम दिया है एटोमियम । स्कूल में आपने धातु क्रिस्टल की संरचना पढ़ते हुए BCC (Body Centered Cubic) व  FCC (Face Centered Cubic) के बारे में पढ़ा होगा। अब याद ना भी हो तो मैं याद दिला देता हूँ। दरअसल ये एक घन यानि क्यूब के विभिन्न बिंदुओं पर अणु की पारस्परिक स्थितियों का चित्रण था।  ये भी तब बताया गया था कि लोहे के अणु  BCC सरीखी संरचना लिए होते हैं। एक घन यानि क्यूब के सारे कोनों पर और एक ठीक घन के मध्य में।



पचास के दशक में यूरोप के वैज्ञानिक नित नई खोजों में लीन थे। बेल्जियम भी इससे अछूता नहीं था और जीवन में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के ख़्याल से यहाँ EXPO 58 के तहत 1958 में एटोमियम का निर्माण हुआ। लोहे के क्रिस्टल की संरचना को 16500 करोड़ गुणा बना कर ये इमारत बनाई गयी। एक BCC के रूप में इसमें अठारह मीटर व्यास के नौ अलग अलग गोले बनाए गए। इन गोलों को तीन मीटर व्यास के पाइप से आपस में जोड़ा गया। इस तरह जो ढाँचा बना उसकी की ऊँचाई 102 मीटर थी। आज इस संरचना का प्रयोग एक म्यूजियम के तौर पर होता है। इसके सबसे ऊपरी गोले में एक भोजनालय बना है जहाँ से आप ब्रसल्स शहर का नज़ारा देख सकते हैं।

शनिवार, 8 अप्रैल 2017

ब्रसल्स, बेल्जियम : चलिए चलें कार्टून व चॉकलेट प्रेमियों के देश में In pictures : Brussels, Belgium

लंदन और एम्सटर्डम के बाद मेरे यूरोपीय सफ़र का अगला पड़ाव था बेल्जियम का शहर ब्रसल्स । यूरोप का ये एकमात्र ऐसा शहर था जहाँ कुछ घंटों के लिए ही सही, कनाडा जाते समय मेरा रुकना हो पाया था। अगर आपको याद हो तो इस इस शहर के खूबसूरत आकाशीय नज़ारों का झरोखा मैंने यहाँ और यहाँ आपको दिखाया था। ब्रसल्स में हम करीब दो दिन रहे। यहाँ की कुछ मशहूर इमारतें भी देखीं। बाजारों में यूँ ही चहलकदमी की और इधर उधर  घूमते फिरते कुछ अलग से नज़ारे कैमरे में क़ैद किये। इमारतों की बारी तो बाद में आएगी। आज तो थोड़ा यूँ ही "बेफिक्रे" घूम लें इन तसवीरों के साथ.. 

टिनटिन के देश में !
बेल्जियम अपने कार्टून चरित्रों के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। कोई भी कार्टून प्रेमी टिनटिन के नाम से भला कैसे अनजान होगा? ये मशहूर चरित्र बेल्जियम से ही ताल्लुक रखता है और इसके रचयिता  Hergé नामक कार्टूनिस्ट थे। ब्रसल्स के बाजारों में  बेल्जियम का पूरा समाज ही कार्टून चरित्रों का रूप धर खिलौने के रूप में बिक रहा था।

बेल्जियम का कार्टून संसार
इन कार्टूनों को ज़रा ध्यान से देखिए डॉक्टर, जज, वकील, इंजीनियर, खानसामे, शिक्षक, खिलाड़ी, नृत्यांगना, वादक, फोटोग्राफर सब नज़र आएँगे आपको। साथ ही नज़र आएँगी पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में क़दम मिलाती महिलाएँ जो कि यहाँ की संस्कृति की हक़ीकत भी है। वैसे सबसे  मजेदार चरित्र मुझे खिसकती पैंट और तोंद के साथ वो गोल्फर लगा। आपकी इस बारे में क्या राय है? 😃

ब्रसल्स के पुराने होटलों में से एक,  होटल एमिगो Hotel Amigo
यूरोप की इमारतों में खिड़की के आगे यूँ लटकते गमलों में फूल लगाना आम बात है। सबसे पहले ये नज़ारा मुझे ब्रसल्स के होटल एमिगो में देखने को मिला। अब बाहर से देखने से आपको शायद ही लगे कि ये एक पाँच सितारा होटल है पर इस होटल की ऐतिहासिक विरासत इसे आज भी ब्रसल्स के विशिष्ट होटलों की श्रेणी में ला खड़ा करती है।

कहा जाता है कि इस इमारत की मिल्कियत पाँच सौ साल पहले एक धनी व्यापारी के हाथ थी। 1522 ई में इसे वहाँ की सिटी काउंसिल ने खरीदा । वैसे क्या आप अंदाज लगा सकते हैं कि सबसे पहले इस होटल का प्रयोग स्थानीय प्रशासन ने किस तौर पर किया होगा? जनाब बड़ा मुश्किल है ये अनुमान लगाना। चलिए मैं ही बता देता हूँ ये भवन सबसे पहले एक जेल के रूप में इस्तेमाल किया गया।😀 सन 1957 में ये होटल इस रूप में आया और आज तक अपनी पुरानी विरासत को यूँ ही समेटे हुए है।

Le  Faucon : फ्रांसिसी प्रभाव ब्रसल्स में स्पष्ट दिखता है
ब्रसल्स में सड़कों और रेस्त्रां में लोग बेहद शांत और सहज दिखे। कुछ गलियाँ परंपरागत यूरोपीय शैली की इमारतों से सजी थीं तो कहीं डिजाइन का नयापन ध्यान खींच लेता था।

अब इस बोतलनुमा इमारत को देख के ही नशा आ जाए तो किसी की क्या ख़ता ?

शनिवार, 14 जून 2014

ब्रसल्स शहर और हवाई अड्डा (Brussels City and Airport : Aerial View)

पिछली पोस्ट में मैंने आपको बेल्जियम की राजधानी ब्रसल्स के आस पास के हरे भरे इलाकों के आकाशीय नज़ारे दिखाए थे। आज बारी है ब्रसल्स शहर को और करीब से देखने की। पर इससे पहले अगर इस देश के बारे में थोड़ा जान लें तो कैसा रहे ? बेल्जियम की संस्कृति और भाषा बहुत कुछ उसके पड़ोसी देशों से प्रभावित है। बेल्जियम के उत्तर में हालैंड, दक्षिण में फ्रांस और पूर्व में जर्मनी है। यही वज़ह है कि इसके उत्तरी फ्लेमिश इलाके में डच भाषा बोलने वालों का बोलवाला है तो दक्षिण में फ्रेंच बोलने वालों का। पूर्व के छोटे से हिस्से में जर्मन भाषियों की भी छोटी सी तादाद है।

A panoramic view of outskirts of Brussels
बेल्जियम के लगभग मध्य में पड़ने वाली राजधानी यूँ तो फ्लेमिश इलाके में पड़ती है पर यहाँ फ्रेंच और डच दोनों भाषाएँ बोलने वाले लोग मिल जाते हैं। वैसे कुछ देर के लिए हम जब यहाँ के हवाई अड्डे पर उतरे तो अंग्रेजी में बात करने में कोई कठिनाई नहीं हुई। एशिया से अमेरिका की उड़ान भरने वाले कई विमान कंपनियाँ ईंधन फिर से भराने या अपने पॉयलटों को आराम देने के लिए एमस्टरडम के आलावा ब्रसल्स के हवाई अड्डे का भी इस्तेमाल करती हैं।

The maroon saga...

हवाई जहाज से ब्रसल्स शहर के कई इलाके एक ही रंग में रँगे नज़र आते हैं और ये रंग है कत्थई रंग। घर की सामने की दीवारें भलें अलग हों पर छत के ऊपर के रंग में साम्यता साफ झलकती है।

A Church with in the densely populated area of Brussels

वैसे जनसंख्या के घनत्व के हिसाब से भारत और बेल्जियम लगभग बराबर हैं। पर नीचे में चित्र में देखिए किस तरह घरों के फैलाव के बीच हरित इलाकों का सही अनुपात रखा गया है।