कोंकण के समुद्र तटों की यात्रा में गणपतिपुले और कुनकेश्वर की यात्रा के बाद आज चलिए इस तट के सबसे खूबसूरत समुद्र तट चिवला व तारकर्ली की चित्रात्मक झाँकी पर। मालवण से दस किमी की दूरी के अंदर ही ये दोनों समुद्र तट स्थित हैं जहाँ चिवला का तट मालवण तट के उत्तर में हैं वहीं तारकर्ली इसके दक्षिण में है।दोनों ही तट अपनी नैसर्गिक खूबसूरती से आपका सहज ही ध्यान आकर्षित कर लेते हैं। जब हम चिवला के तट पर पहुँचे तो वहाँ दूर दूर तक सन्नाटा था। तट के किनारे कुछ नावें लगी थीं। उनके पीछे नारियल के पेड़ों का विशाल झुरमुट था।
चिवला की खूबसूरती कई कारणों से है। एक तो यहाँ गहरा नीला समुद्र का जल और दूसरी यहाँ की मुलायम सफेद स्याह रेत ।
फिर यहाँ का लंबा समुद्र तट और उसके किनारे नारियल के पंक्तिबद्ध पेड़ भी मन को मोहते हैं। पर इस तट पर जो लहरें आती हैं वो ज्यादा ऊँची नहीं उठती सो यहाँ तैरना तो हो जाता है पर उछलती लहरों द्वारा आपको आगोश में लिये जाने का डर नहीं रहता।