
छिद्र से और थोड़ी दूर बढ़ने पर दूर से ही मुझे लाल केकड़ों (Red Crabs of Digha) का पूरा दल घूमता टहलता दिखाई दिया।


साथियों को पास बुलाने का एक उद्देश्य ये भी था कि इन केकड़ों का चित्र लेने के लिए उनके ज्यादा ज़ूम वाले कैमरों का प्रयोग किया जाए। लाल केकड़े अगर अपने बिल के पास होते हैं तो उनके दस मीटर की दूरी तक ही आप पहुँच सकते हैं। अगर आपने और पास आने की कोशिश की तो वो चट से अपने बिल में घुस कर अदृश्य हो जाते हैं।
अप इन्हें ही देख लीजिए ना किस तरह बिल में घुसने की तैयारी कर रहे हैं।

ये लाल केकड़े ज्यादा देर धूप में नहीं रह सकते इस लिए समुद्र तट पर रेत के बिल बना कर रहते हैं। साल में कम से कम एक बार ये अंडे देने के लिए समुद्र की ओर रुख करते हैं। हम तो ये दृश्य नहीं देख पाए पर समुद्र की ओर जब ये भारी संख्या वाले समूह में चलते हैं तो ऐसा लगता है मानो समुद्र के किनारे लाल लाल फूलों की बहार आ गई हो।

अगले दिन हम जब तालसरी गए तो वहाँ तो चारों ओर केकड़े ही केकड़े दिख रहे थे। तालसरी में पर्यटक की संख्या बहुत कम होती है इसलिए यहाँ केकड़े अपने घर से दूर घूमते भी नज़र आए। ये देखते हुए इस दफ़ा हमने उनका पास से चित्र लेने की दूसरी तरकीब सोची। एक केकड़ा जो बाहर निकला हुआ दिखा उसके पीछे हौले हौले हो लिए और दस मीटर पहले से उसे दौड़ा दिया। कुछ दूर भागने के बाद उस केकड़े को अपने साथी का बिल मिला। पर दिलचस्प बात ये थी कि उसने सिर्फ बिल में सिर्फ अपना सिर घुसाया शरीर नहीं क्यूँकि वो जानता था कि ये जिसका घर है वो अंदर से उसे निकाल बाहर करेगा। हमने बस उसके इसी पोज़ की फोटो ले ली।


पर वहाँ रहने वाले ग्रामीण बच्चे तो इन केकड़ों को ऐसे उठा रहे थे मानों वो कोई खिलौने हों। मैंने इस लड़के से पूछा क्यूँ भाई ये काटता नहीं क्या? वो बोलो क्यूँ नहीं काटता पर हम सब अब अभ्यस्त हो गए हैं इनके वार से बचने के लिए। तो ज़रा आप भी तो पास से देखिए इस सुंदर पर खतरनाक प्राणी को...

चलते चलते देखिए तालसरी के समुद्र तट पर केकड़ों के इस विशाल समूह को..

इस श्रृंखला में अब तक