कोलकाता से विमान उड़ता है तो कंक्रीट के जंगलों को चीरता हुआ तुरंत हुगली नदी के ऊपर मंडराने लगता है।


बादलों के बीच से दिखता हावड़ा ब्रिज और उसके ठीक दाँयी ओर हावड़ा का स्टेशन

कुछ ही देर में हम बादलों की दुनिया में हैं। पर राँची के पास आते ही विमान धीरे धीरे अपनी ऊँचाई को कम करता नीचे आने लगता है और फिर दिखती है सर्वत्र हरियाली। जी हाँ आखिर ये झारखंड की धरती है।



पर अब तो बारिश का मौसम आ गया है तो राँची के आस पास के खेत खलिहान एक दूसरी ही छटा लिए हुए हैं।



झारखंड अभी भी विकास के पथ से काफी दूर है। हम सभी चाहते हैं कि हमारा राज्य आगे बढ़े पर ये विकास अपने आस पास की प्रकृति को नष्ट कर नहीं पर बल्कि एक सामंजस्य बिठाकर हो तो सही अर्थों में हम सब यहाँ की सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विशिष्टता को अक्षुण्ण रख पाएँगे।
(चित्रों को बड़ा कर देखने के लिए उन पर क्लिक करें।)
मित्र, आज मुझे आप का ब्लॉग देखने का सुअवसर मिला।
ReplyDeleteवाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। khaaskar tasveeren bahut achchhi lagi...आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी और हमें पढ़ने को मिलेंगे, बधाई स्वीकारें।
आप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन करती हैं।
आप के अमूल्य सुझावों का 'मेरी पत्रिका' में स्वागत है...
Link : www.meripatrika.co.cc
…Ravi Srivastava
good photos !
ReplyDeleteसुन्दर फोटो...क्या बात है.
ReplyDeleteनीरज
एक बार फिर बादलो के पार......
ReplyDeleteNice Pictures...
ReplyDeleteभू परिदृश्य बड़ा मोहक लग रहा है. बहुत ही सुन्दर चित्र. आभार.
ReplyDeleteवाह !
ReplyDeleteअच्छा लगा आकाश से नजारा धरती का.
ReplyDeleteबरसात के मौसम में झारखंड की हरियाली के बीच से गुजरना सचमुच अच्छा लगता है। सुंदर चित्र।
ReplyDeleteAap ke sare Hindi comments dekh kar English mein likhne mein sharam aate hai!
ReplyDeleteKhubsurat drishya hain!
इन चित्रों को पसंद करने के लिए आप सब का शुक्रिया।
ReplyDeleteमृदुला मैं ये मानता हूँ कि व्यक्ति को जिस भाषा में अपनी बात कहने में सहूलियत हो उसी का प्रयोग करना चाहिए। बाकी लोग हिंदी ब्लागिंग से जुड़े हैं, हिंदी साफ्टवेयर के जानकार हैं, इसलिए हिंदी में प्रतिक्रिया देते हैं ।
Your pictures are as beautiful as your narration.
ReplyDeleteachha hai
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