पिछली पहेली में आपसे प्रश्न पूछा था समुद्र तट पर फैली हुई सफेद अंडाकार आकृतियों के बारे में। अगर आप भी इन्हें साक्षात देखना चाहते हैं तो आपको या तो अमेरिका जाना होगा या फिर स्वीडन। पर इन अंडों जो कि वास्तव में अंडे हैं नहीं, को देखने क्या आप इतनी दूर क्यूँ जाएँगे ? संयुक्त राज्य अमेरिका में वैसे तो बहुत सारी झीलें हैं पर उनमें से लेक मिशिगन ही एक ऐसी झील है जिसकी सीमाएँ पूरी तरह अमेरिका के अंदर हैं। 58000 वर्ग किमी में फैली इस झील के तट पर जाड़ों के मौसम में ऐसे दृश्य बारहा दिखाई दे जाएँगे।
दरअसल ये अंडे किसी जीव के नहीं बल्कि बर्फ के गोले हैं जो विशेष प्राकृतिक परिस्थितियों में समुद्र और झील के किनारे बनते हैं।
अटलांटिक महासागर में स्कैंडेनेविया के देशों जेसे स्वीडन में भी प्रकृति का ये दिलचस्प माज़रा देखने को मिला है। मौसम वैज्ञानिकों के अब तक किए गए शोध से पता चला है कि इन बर्फ के गोलों के बनने के लिए वातावरण में कुछ विशेष परिस्थितियों का होना जरूरी है। मसलन शून्य से नीचे का तापमान, चालिस से पचास किमी तक की गति से चलती तेज हवाएँ और साथ में होता हिमपात।
होता ये है कि तेज चलती हवाओं और उनसे उत्पन्न लहरों की वजह से तापमान शून्य के नीचे होने से भी जम नहीं पाता। गिरती या उड़ती बर्फ, लहरों की लगातार घुमावदार मार से पानी की सतह पर घूमती हुई ,घूमती हुई बहती चली जाती है और अंततः एक गोलाकार रूप ले लेती है। मौसम वैज्ञानिकों के एक दल ने जब इस बर्फ के गोलों को तोड़ा तो देखा कि 2-5 सेंटीमीटर बर्फ की कठोर बाहरी परत के अंदर का भाग नम और ढीली बर्फ से भरा हुआ है।
वैसे ख़ुद ही देखिए इस वीडिओ में कि कैसे लहरों के साथ बर्फ के ये गोले तट पर बिछा दिए जाते हैं ।
इस बार के प्रश्न का सबसे सही और पहले अनुमान लगाया काजल कुमार ने। उन्हें बहुत बधाई। बाकी लोगों का अनुमान लगाने के लिए धन्यवाद।
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
ReplyDeleteबिन निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को शूल।।
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हिन्दी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बहुत अच्छी जानकारी. हम तो नहीं जानते थे.
ReplyDeleteAnd thanks for letting me know what these are!
ReplyDeleteहमने तो हार मान ली थी जी
ReplyDeleteसमझ ही नहीं आ रहा था की ये क्या बला है !
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काजल जी ने कहीं मजाक - मजाक में ही तो सही जवाब नहीं दे दिया :)
बहरहाल काजल जी को बहुत बहुत बधाई
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ReplyDeleteकमाल है साहब...ऐसे बर्फ के गोले न कभी देखे न सुने...अद्भुत...
ReplyDeleteनीरज
बडी अजीब चीज है प्रकृति।
ReplyDeleteBahut he sundar jaankari. Ab ye to meri list mein aa gaya hai. :)
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