तो फुकेट फैंटा सी से शुरु हुआ हमारा सफ़र फुकेट के प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर
वाट चलौंग और
जेम्स बांड द्वीप से होता हुआ
फी फी द्वीप पर समाप्त हुआ। फी फी और जेम्स बांड द्वीप की सुंदरता तो अपनी जगह थी पर
फीफी और
फान्ग नगा खाड़ी के रास्तों ने भी अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से मन मोह लिया।
इस दौरान जहाँ हमें थाई पूजा पद्धति को भी करीब से देखने का मौका मिला वहीं फुकेट की
रात की चकाचौंध ने हमें असमंजस में डाल दिया कि क्या ये वही शहर है। बहरहाल चार दिन फुकेट रहने के बाद जब हम वापस बैंकाक की ओर चले तो फुकेट के ऊपर से उड़ते हुए कुछ शानदार नज़ारे देखने को मिले।
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हरे भरे घने जंगल और साथ बहती जलराशि फुकेट का एक तरह से ट्रेडमार्क हैं। |
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ऊपर से दिखते घने जंगल के बीच की ये झीलें अंग्रेजी के आठ की संख्या बनाती नज़र आती हैं |
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अगर ऍसे किसी द्वीप पर आपको अकेला छोड़ दिया जाए तो ? :) |
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समुद्र के पार्श्वजल के साथ उड़ता एयर एशिया का हमारा विमान |
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सागर के इस किनारे और पहाड़ी के इस मिलन का गवाह था ये बादल का छोटा सा टुकड़ा |
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उत्तर की ओर बढ़्ते बढ़्ते समन्दर दूर जाता गया और ये हरी भरी पहाड़ियाँ पास आती गयीं। |
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हरियाली के इस मंज़र को बादलों का सफ़ेद टीका..... आंखें तृप्त हो गयीं थी इस दृश्य को देख कर |
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ये नदी अपनी इन शिराओं के साथ ऐसी लग रही थी जैसे कोई आक्टोपस हरे भरे मैदान में अपनी टाँगे पसारे बैठा हो |
आशा है फुकेट पर की गई ये लंबी श्रंखला आपको पसंद आई होगी। फुकेट के बाद के अगले तीन दिन हमने बैंकाक में बिताए थे। पर फिलहाल अपनी थाइलैंड की यात्रा को यही विराम देते हुए आपको ले चलेंगे पश्चिमी भारत की कुछ जानी अनजानी जगहों पर..
थाइलैंड की इस श्रंखला में अब तक
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Loved this series. You really do make me want to travel more. Keep exploring. Your words are very inspiring.
ReplyDeleteLove the aerial shots!
Thx Pratishtha for ur kind words.
Deleteवाह,बेहतरीन पोस्ट
ReplyDeleteशु्क्रिया...
DeleteVery Nice post
ReplyDeleteबेहतरीन रचना
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