दुर्गा पूजा पंडाल परिक्रमा में आज बारी है रातू रोड के पंडाल की जहाँ सड़क के किनारे एक विशाल रथ के अंदर माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी है। रातू रोड का पंडाल राँची के सबसे पुराने पंडालों में से एक है। ये वही इलाका है जहाँ यहाँ के प्राचीन नागवंशी राजवंश के अंतिम महाराज रहा करते थे। इसी वंश की एक रानी लक्ष्मी कुँवर ने जो बंगाल से थीं यहाँ 1870 ई से दुर्गा पूजा की परंपरा शुरु कराई।
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रातू रोड पूजा पंडाल |
इस साल इस पंडाल में भ्रूण हत्या और स्त्रियों पर हो रहे अत्याचारों को पंडाल की थीम बनाया गया है। बाहर से इस सजीले रथ को तो बाजे गाजे के साथ हाँका जा रहा है पर अंदर सर्प सरीखी कुप्रथाओं को स्त्री का अस्तित्व मिटाते दिखाया गया है। स्त्रियों पर होते जुल्म को देखकर माँ ने अपनी आँखे अधमुँदी कर रखी हैं।
पंडाल के बाहरी भाग को पीले और लाल रंग के समायोजन से सजाया गया है। अगर ध्यान से देखेंगे तो सारी आकृतियाँ पीले रंग के रेशे से बनी दिखेंगी। तो आइए चलें इस पंडाल की परिक्रमा पर
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ऊपर बजती शहनाई, शादी की वेला आई |
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वर वधू को ले जाते रथ का चित्रण |
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रथ का पहिया और डफली बजाते भइया |
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क्या आपने कभी सोचा है कि पुराने तालों का इस्तेमाल भी सजावट के लिए हो सकता है? |
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और ये रही सुसज्जित पालकी... |
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वाद्य वृंद |
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रथ के साथ एक फ्रेम में आने की कोशिश करता मैं |
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भ्रूण हत्या को निरूपित करता पंडाल का अंदरुनी हिस्सा |
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आर्गेनिक पेंट से बनाई गयी मिट्टी की प्रतिमा |
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नारी जाति के कष्ट से द्रवित माँ की अधमुँदी आँखें |
राँची दुर्गा पूजा की पंडाल परिक्रमा 2019
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It's lovely to see Ranchi Pandals through your eyes
ReplyDeleteशुक्रिया रुचिरा! पंडालों में घूमने की लत बचपन से लगी हुई है। बड़ी खुशी मिलती थी इनकी कलात्मकता को देखने समझने में। बस वही आनंद आप सब तक पहुंचाने की कोशिश में हूं अपने कैमरे के ज़रिए :)
DeleteWaah Kya hi khubsurat.
ReplyDeleteहां, रात में इसकी खूबसूरती देखते ही बन रही थी!
Deleteबहुत सुंदर,कलात्मक और संदेश परक भी...������
ReplyDeleteबिल्कुल !
Deleteआज के हिसाब से बहुत सार्थक सन्देश के साथ खूबसूरत सजावट!!
ReplyDeleteहाँ, सही कहा.
DeleteVery nice
ReplyDeleteThanks !
Deleteबहुत खूबसूरत
ReplyDeleteशुक्रिया..पिछली कुछ रातें माँ के दर्शन में ही कटी हैं।
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