शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

भारत, नेपाल और बांग्लादेश के नज़ारे चित्रों के सहारे Tarang Painting Exhibition, Ranchi

एक मुसाफ़िर जब नई जगह जाता है तो आख़िर क्या देखता है? उस जगह की इमारतें, लोग, उनका रहन सहन, संस्कृति और आस पास की प्रकृति ! यही ना? यानी वो चीजें जो उस जगह को इतना आकर्षक बनाती हैं कि लोग उसे देखने दूर दूर से आते हैं। पर इंसान की भी एक सीमा है। वो आख़िर कितनी जगहें जा सकता है? इस छोटी सी ज़िंदगी में क्या क्या देख सकता है? 

यही वज़ह है कि इंसान की फितरत है कि वो दूसरों द्वारा कहे और लिखे अनुभवों को भी आत्मसात करता है, दूसरे की आँखों से देखता है और ये आँखें अगर वही दृश्य कूची के रंगों में भरकर दिखाती हैं तो वो अनुभव और सजीव होता है।

पिछले हफ्ते मेरे शहर में भारत , नेपाल और बांग्लादेश के कई चित्रकारों ने अपनी चित्रकला का प्रदर्शन किया। थोड़ा सा समय निकालकर मैं भी वहाँ जा पहुँचा। घंटे भर  अपने और पड़ोसी देशों के उन पहलुओं को रंगों में तब्दील होता देखता रहा जिसकी चर्चा इस आलेख की शुरुआत में की है। आइए इन नज़ारों में कुछ से आपकी भी मुलाकात कराएँ ।
एक वृद्ध पहाड़ी स्त्री 



औघड़

नेपाली किशोरी 

मुरलीधर

बच्चे मन के सच्चे



भगवान बुद्ध

राजस्थानी वादक


लहसुन और प्याज भी पेटिंग में इतने खूबसूरत लगेंगे मैंने ऐसा सोचा ना था। :)


बांग्लादेश के खेत खलिहान

खूबसूरती ग्रामीण परिवेश की

 बाँस के जंगलों को दिखाती एक चित्रकला।

आदिवासियों की सोहराय चित्रकला



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12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया बोलते हुए चेहरों के चित्र है ...

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  2. अखबार में इस खबर के बारें में पढा था,, अच्छा हुआ आपने दिखा दिया।

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    1. मेरे घर से पास ही में इसका आतोजन हुआ इस वजह से देख पाया।

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  3. वाह रंग बिरंगी घुमक्कङी

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    1. हाँ रंगों की छटा हर तरफ बिखरी थी वहाँ।

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  4. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन राष्ट्रीय मतदाता दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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